मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया

Share

\"\"

शिमला। विद्यार्थियों को परीक्षाओं को बोझ न समझकर खुद के मूल्यांकन की प्रक्रिया समझना चाहिए। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां अपने जन्मदिवस पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षाएं शैक्षणिक प्रक्रिया में उत्कृष्टता प्राप्त करने और विद्यार्थियों की प्रगति के मूल्यांकन में सहायता करने का मार्ग है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में यह दबाव तनाव, भय और घबराहट उत्पन्न करता है। परीक्षाओं के तनाव का मुख्य कारण अच्छा विद्यार्थी होने के लिए अच्छे अंक अर्जित करने की धारणा है। तनाव को खत्म करने के लिए विद्यार्थियों को समय से पहले परीक्षाओं के लिए तैयार होने की आवश्यकता है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि विद्यार्थी देश और प्रदेश का भविष्य हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से उनके सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण भाव से कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने विद्यार्थियों से माता-पिता और अध्यापकों का सदैव सम्मान करने का आग्रह किया, क्योंकि सही मायने में वे ही उनके भविष्य के निर्माता हैं। उन्होंने कहा कि सफलता का कोई भी वैकल्पिक मार्ग नहीं है। उन्होंने विद्यार्थियों से महामारी के दौरान और अधिक सतर्क रहने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने हमारी जीवनशैली के हर एक पहलु को प्रभावित किया है। महामारी के दौरान विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए प्रदेश सरकार ने विभिन्न पहल की हैं। उन्होंने कहा कि आॅफलाइन कक्षाओं का कोई भी विकल्प नहीं है और इस दौरान आॅनलाइन कक्षाएं वरदान साबित हुई हैं। इससे विद्यार्थी न केवल संक्रमित होने से बच पाए हैं, बल्कि नई तकनीक के माध्यम से उन्हें सीखने का अवसर भी मिला है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों को लाभान्वित करने और ऑनलाइन कक्षाएं सुनिश्चित करने के लिए हर घर पाठशाला कार्यक्रम आरंभ किया। इसके अलावा विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए दूरदर्शन का भरपूर उपयोग भी सुनिश्चित किया गया।

जय राम ठाकुर ने उनके जन्मदिवस के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा दी गई शुभकामनाओं के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देश का सबसे अधिक प्रगतिशील राज्य बनाने के लिए विद्यार्थियों द्वारा दिए गए सभी सुझावों पर प्रदेश शिक्षा विभाग गंभीरतापूर्वक विचार करेगा, जो केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही संभव है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस परीक्षा की घड़ी में राष्ट्र का प्रभावशाली तरीके से मार्गदर्शन किया है। इस महामारी के लिए वैक्सीन बनाने के लिए देश के वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया।संवाद सत्र के दौरान में प्रदेश के विभिन्न स्कूलों के लगभग दो हजार विद्यार्थियों ने ऑनलाइन माध्यम से भाग लिया।

बिलासपुर से विद्यार्थी भावना धीमान ने कहा कि कोरोना वायरस ने विद्यार्थियों को घर में रहने के लिए मजबूर किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से परीक्षाओं सेे दो माह पूर्व आफलाइन कक्षाएं आरम्भ करने का आग्रह किया। चम्बा के विद्यार्थी करूण कुमार ने राजकीय पाठशालाओं विशेषकर राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध करवाने का सुझाव दिया। हमीरपुर जिला से 12वीं कक्षा की छात्रा नेहा भारद्वाज ने हर घर पाठशाला कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों की समस्याएं दूर करने के लिए हर सप्ताह डाउट क्लीयरिंग सेशन आरंभ करने का सुझाव दिया। कांगड़ा सेे विद्यार्थी सौरव ने विद्यार्थियों के लिए समूह कक्षाएं लगाने की स्वीकृति देने का सुझाव दिया। कुल्लू जिला से 11वीं कक्षा की छात्रा सानिया, मण्डी से ज्योति, शिमला से भूमिका, सोलन से युक्ता, सिरमौर से बनीता, ऊना से अंकिता तथा लाहौल-स्पीति से छात्रा अंजली सिंह ने भी इस अवसर पर अपने सुझाव व्यक्त किए।

इस अवसर पर सचिव शिक्षा राजीव शर्मा ने मुख्यमंत्री और उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।

निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ. अमरजीत शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर, सांसद और राज्य भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप और अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *