शिमला। प्रदेश सरकार शिक्षकों को स्कूल बुलाने की तैयारी में है। सभी शिक्षकों को एक साथ बुलाने की बजाय रोस्टर के हिसाब से स्कूल बुलाया जा सकता है। आनलाइन पढ़ाई को और ज्यादा व्यावहारिक बनाने के लिए विभाग ने इसकी योजना तैयार की है। इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। इस पर अंतिम फैसला पांच जून को होने वाली प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में लिया जाएगा। विभाग चाहता है कि शिक्षक स्कूल आकर आइसीटी लैब के माध्यम से पढ़ाएं।गणित, विज्ञान जैसे विषयों को समझने में बच्चों को कोई दिक्कत न आए इसके लिए विभाग यह योजना तैयार कर रहा है। उच्चतर शिक्षा के निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने कहा कि अभी सात जून तक स्कूल बंद है। आने वाले दिनों में स्थिति यदि सामान्य होती है तो जरूरत के हिसाब से शिक्षकों को स्कूल बुलाया जा सकता है।
अब चार से होगी ई-पीटीएम
शिक्षा विभाग चार जून से ई-पीटीएम का आयोजन कर रहा है। पहले ई-पीटीएम तीन जून से प्रस्तावित थी। चार जून को दोपहर तीन बजे शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर कुछ विद्यार्थियों के अभिभावकों के साथ बात करेंगे। ई-पीटीएम नौ जून तक चलेगी।
कला अध्यापकों के पद न भरने से बेरोजगार निराशा
बेरोजगार कला अध्यापकों ने सरकार से स्कूलों में खाली पड़े पदों को जल्द भरने की मांग उठाई है। बेरोजगार कला अध्यापक संघ की मंगलवार को आयोजित वर्चुअल बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई। संघ के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश भारद्वाज ने कहा कि वे कई बार अपनी मांगों को सरकार के समक्ष उठा चुके हैं। मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से कई बार मुलाकात हो चुकी है, लेकिन उनकी मांगों को अभी तक पूरा नहीं किया गया। महासचिव प्रेमदीप ने कहा है कि मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री ने विधानसभा सत्र के दौरान बेरोजगार कला अध्यापकों से वादा किया था, लेकिन उस पर कुछ नहीं हुआ। संघ ने कहा कि पूर्व सरकार के समय जिन स्कूलों को अपग्रेड किया गया वहां पर कला विषय तो है पर कला अध्यापक नहीं हैं। इन स्कूलों में कला अध्यापक के पदों को बहाल करने और मिडल स्कूलों में 100 बच्चों की शर्त को हटाने की मांग की है। बैठक में संगठन मंत्री रजनीश कुमार, उप सचिव जगदीश कुमार, प्रवीन कुमार, बलवंत कुमार आदि उपस्थित रहे।