करसोग। करसोग उप-मण्डल के अंतर्गत पांगणा उप-तहसील की सूइं-कुफरीधार पंचायत में फल संतति और उद्यान विभाग द्वारा पदम सुभाषपालेकर द्वारा ईज़ाद प्राकृतिक खेती प्रणाली पर आधारित एक दिवसीय बागवानी शिविर का आयोजन किया गया। उद्यान प्रसार अधिकारी डाक्टर मोनिका शर्मा ने बताया कि सुभाषपालेकर प्राकृतिक खेती से तैयार फल और अन्न से जुड़ी कुछ छोटी-छोटी बहुमूल्य बातें ध्यान में रखकर आप अपने और अपने परिवार समाज के हर वर्ग के स्वास्थ्य तथा उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को ठीक बनाए रख सकते हैं। अतः फसल की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने और स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सुभाषपालेकर प्राकृतिक बागबानी उत्तम है। सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की मास्टर ट्रेनर व जिला सलाहकार लीना शर्मा ने कहा कि कृषि की भान्ति बागबानी का भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है।हिमाचल प्रदेश फल राज्य के रूप में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है। स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक भोजन अनिवार्य है। भोजन में जरा सी लापरवाही से शरीर में विविध प्रकार की व्याधियां लग जाती हैं। आज अधिक उपज लेने के लिए अवैज्ञानिक तौर तरीके अपनाए जा रहे हैं।फलों की सेटिंग,आकार,रंग,रूप के लिए अंधाधुंध उर्वरकों,रसायनों व हार्मोन्स का प्रयोग कर पौधों व फलों को हानि पंहुचाई जा रही है। जहरीले उर्वरकों व रासायनिक छिड़काव से फल व अन्न की पौष्टिकता भी प्रभावित होती है तथा पर्यावरण को भी नुकसान होता है।सुभाषपालेकर प्राकृतिक खेती से पोषक तत्वों से भरपूर स्वादिष्ट फल और अन्न तैयार किया जा सकता है। इस अवसर पर सुभाषपालेकर प्राकृतिक खेती के मुख्य दो घटक जीवामृत और घन जीवामृत की निर्माण विधि प्रयोग कर बताई तथा ब्रह्मास्त्र और अग्निअस्त्र प्राकृतिक कीटनाशक बनाने की विधि भी समझाई गई। इस मौके पर सुभाषपालेकर प्राकृतिक खेती की मास्टर ट्रेनर लीना शर्मा,उद्यान विभाग के कर्मचारी प्रदीप शर्मा, उप-प्रधान लालसिह,महिला मण्डल पज्याणु की उप-प्रधान ममता देवी,कोषाध्यक्ष सत्या देवी,महिला मण्डल चटोल की प्रधान व पंचायत वार्ड सदस्या सरोजनी देवी,सोनिया देवी सहित क्षेत्र के प्रतिष्ठित बागबानो ने भाग लिया।