मंडियों में अच्छे दामों पर फसलें न बिकने से किसान उग्र, सरकार से सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की रखी मांग

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करसोग। प्रदेश की मंडियों सहित कंपनियों से उत्पादों के अच्छे दाम न मिलने पर किसान उग्र हो गए हैं। मंडियों में फसलों के अच्छे दाम मिले, इसके लिए संयुक्त किसान मोर्चा करसोग इकाई ने सोमवार को अपनी मांगों को लेकर धरना दिया और एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। जिसमें किसानों ने सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किए जाने की अपनी मुख्य मांग रखी है। किसानों का कहना है कि मंडियों और कंपनियों को उपज बेचने पर उन्हें अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं। जिससे कृषि और बागवानी पर संकट छा गया है। मंडियों में उचित दाम न मिलने से किसानों को फसल तैयार करने पर आई लागत को निकालना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में किसानों के लिए कृषि और बाग़वानी घाटे का सौदा साबित हो रही है। इसके अतिरिक्त किसानों और बागवानों ने मंडी मध्यस्थता योजना को पूर्ण रूप से लागू करने की मांग रखी है। जिसमें ए,बी,सी ग्रेड सेब की खरीद 60, 44 व 24 रुपए के हिसाब से किए जाने की मांग की गई है। किसानों ने कहा है कि प्रदेश की विपणन मंडियों में एपीएमसी कानून को सख्ती से लागू किया जाए। आढ़तियों और खरीददारों के पास बकाया पैसे का भी तुरंत भुगतान किया जाए। सेब सहित फलों, फूलों व सब्जियों की पैकिंग में इस्तेमाल किए जा रहे कार्टन और ट्रे की कीमतें कम की जाएं। मंडियों में सेब व अन्य फसलों को वजन के हिसाब से बेचा जाए। खाद, बीज, कीटनाशकों व अन्य लागत वस्तुओं पर सब्सिडी का बहाल किया जाए। इसके अतिरिक्त किसानों व बगवानों ने उपकरणों की बकाया सब्सिडी के भुगतान किए जाने की मांग की है।

किसान नेता किशोरी लाल का कहना है कि मंडियों और कंपनियों को उत्पाद बेचने पर किसानों और बगवानों को उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा करसोग इकाई ने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें मुख्यमंत्री से कृषि और बागवानी के क्षेत्रों की बचाने की मांग की गई है।

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