करसोग। रूस और यूक्रेन के बीच बिगड़े हालतों ने करसोग की चिंता भी बड़ा दी है। रूस की यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा से करसोग के दो बेटे शिवांश और गेतराम यूक्रेन में फंस गए हैं। हालत बिगड़ने के बाद हवाई क्षेत्र बंद होने की वजह से दोनों ही अब वापस नहीं आ पा रहे हैं। ऐसे में अब दोनों ही बेटों के माता पिता की चिंता बढ़ गई है। रूस और यूक्रेन के बीच तनातनी से उपजे हालात के बाद एसडीएम सन्नी शर्मा ने दोनों से बात कर हाल भी पूछा। उपमंडल के चुराग से शिवांश शर्मा पूर्वी यूक्रेन में खारकी मेडिकल नेशनल यूनिवर्सिटी से डॉक्टरी कर रहा है। इस यूनिवर्सिटी में हिमाचल से करीब 200 बच्चे पढ़ाई कर रहे है। वहीं गेतराम पुत्र गवर्धन राम गांव चमरोट यूक्रेन में चिकित्सक हैं। हालांकि अभी दक्षिणी यूक्रेन में हालत अधिक खराब है, जबकि ये दोनों पूर्वी यूक्रेन में रह रहे हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान शिवांश शर्मा ने बताया कि यूक्रेन में बिगड़ी स्थिति के बाद हवाई क्षेत्र अब बंद है। ऐसे में अब वापस घर नहीं लौट पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास भी यूक्रेन में फंसे लोगों से लगातार संपर्क बनाए हुए है। इसके सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी सांझा की जा रही है। शिवांश ने बताया कि करसोग के एसडीएम ने भी फोन कर हालचाल पूछा है। उन्होंने बताया कि एसडीएम ने आश्वासन दिया है कि जिला प्रशासन उन्हें वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। वहीं शिवांश की माता आशा शर्मा का कहना है कि बेटे से रोज बात हो रही है। वह कुशल है, लेकिन चिंता की बात है कि हवाई क्षेत्र बंद होने से बेटे को वापस लौटना मुश्किल हो गया है।