करसोग। करसोग में बिजली की तारों पर पेड़ गिराने की लापरवाही हजारों उपभोक्ताओं पर भारी पड़ गई। बिजली बोर्ड के चुराग सब डिवीजन के धरमोड़ के साथ लगते रजौट में चीड़ का पेड़ तारों पर गिराए जाने से 20 घंटे तक बिजली गुल रही। जिस कारण अलसिंडी, माहोटा, जसस्ल, सांवीधार, रौडीधार, साहज, कंलगार, अलयाद, चामुनाला, तरौर, कांडा, डुमणु, धुँधन, बडेयोग, चनयाना, जमो व भलिंगी आदि कई गांव के लोगों को रात अंधेरे में ही कटी। यहां शनिवार को रजौट में किसी व्यक्ति ने जंगल में चीड़ के पेड़ कुल्हाड़ी चला दी। इस दौरान पेड़ सीधा बिजली की तारों पर जा गिरा।जिसके बाद व्यक्ति मौके पर से फरार हो गया। ये वाकया करीब पांच बजे पेश आया। बत्ती गुल होने की सूचना लोगों ने बिजली बोर्ड के चुराग सब डिवीजन को दी। जिसके बाद रविवार को सुबह करीब 7 बजे ठेकेदार की लेबर सहित बिजली बोर्ड के करीब 20 कर्मचारी स्पॉट पर पहुंचे। इस दौरान पेड़ को हटाने के बाद तारों को ठीक किया गया। इस तरह चार घंटे की मशक्क्त के बाद दोपहर 12 बजे बिजली की आपूर्ति को बहाल किया गया। बिजली गुल रहने की वजह से भलिंगी में स्थित जल शक्ति विभाग की उठाऊ पेयजल योजना भी ठप रही। पंपिंग न होने की वजह से तत्तापानी सहित साथ लगते गांव में पानी की सप्लाई भी प्रभावित हुई। इसके अतिरिक्त आटा चक्कियां सहित बिजली से चलने वाले घरेलू उपकरण भी बंद रहे। लोग बहुमंजिला मकान में पानी पहुंचाने के लिए टुल्लू पंप का भी प्रयोग नहीं कर सके। यही नहीं 20 घंटे बिजली गुल रहने से लोगों के मोबाइल फोन तक बंद हो गए। बत्ती गुल रहने से बिजली बोर्ड को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा है। उधर वन विभाग के फील्ड अधिकारियों को पेड़ गिराए जाने की कोई सूचना नहीं थी। इस बारे में उच्चधिकारियों को सूचित किया गया तो वन मंडल करसोग ने मामले की छानबीन करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड चुराग सब डिवीजन के सहायक अभियंता यादवेंद्र कुमार का कहना है कि सूचना के मुताबिक रजौट गांव में काटते वक्त एक पेड़ तारों पर गिर गया था। जिस वजह से बिजली की आपूर्ति प्रभावित रही। उन्होंने बताया की सूचना मिलने पर ठेकेदार की लेबर सहित बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को स्पॉट पर भेजा गया। जिसके बाद दोपहर 12 बजे तक बिजली की आपूर्ति को बहाल कर दिया गया है।
वन मंडल करसोग के डीएफओ कृष्ण भान नेगी का कहना है कि मामला ध्यान में आया है। उन्होंने कहा कि पेड़ निजी भूमि में कटा है या वनभूमि पर काटा गया है, इस बारे में फील्ड अधिकारियों को जांच करने के आदेश जारी किए गए हैं।