करसोग। करसोग के सरकारी स्कूल में छात्रों के भविष्य से साथ खिलवाड़ हो रहा है। यहां उपमंडल के तहत राजकीय प्राथमिक पाठशाला कांडा में कार्यरत जेबीटी स्कूल को बंद करवाने पर तूला है। वह ऐसे कि अध्यापक ने बिना अभिभावकों की सहमति के छात्रों को स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट थमा दिए हैं। यही नही नए शेक्षणिक सत्र में बच्चों को एडमिशन भी नहीं दी जा रही है। जो अभिभावक बच्चों की एडमिशन के लिए पहुंच रहे हैं, उन्हें एडमिशन किए बिना ही वापस भेजा जा रहा है। इस तरह का निर्णय स्कूल प्रबधन समिति की सहमति के बिना ही लिया गया है। ऐसे में भड़के अभिवावकों ने मामले की शिकायत एसडीएम से की है। उपमंडलाधिकारी को सौंपे गए शिकायत पत्र में अध्यापक का तुरंत प्रभाव से तबादला किए जाने की मांग की गई है। ताकि छात्रों का भविष्य चौपट न हो। टीचर के इस कारनामे से परेशान अभिभावकों को बच्चों की एडमिशन करवाने के लिए कई किलोमीटर दूर दूसरे स्कूल में जाना पड़ रहा है। एसडीएम से की गई शिकायत में अभिभावकों ने अध्यापक के मानसिक संतुलन ठीक न होने की बात कही है। ऐसे में तुरंत प्रभाव से टीचर को बदल कर नई नियुक्ति दिए जाने की मांग की है। अभिभावकों की शिकायत पर एसडीएम ने कड़ा संज्ञान लिया है।
पूर्व पंचायत प्रधान परमानंद ठाकुर का कहना है कि अभिभावक बता रहे थे कि अध्यापक बच्चों का स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट घर भिजवा रहा है। बच्चों के नए प्रवेश को लेकर आनाकानी की जा रही है। जिस पर अभिभावकों को स्कूल बुलाया गया और चर्चा करने के बाद मामले की शिकायत एसडीएम से की गई है।
एसडीएम सन्नी शर्मा का कहना है कि स्कूल जाकर मामले की जांच की जाएगी। अभिभावकों की शिकायत को लेकर शिक्षा विभाग के उप निदेशक को भी अवगत करवाया गया है। उन्होंने कहा है कि अभिभावकों की शिकायत पर उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।