सिविल अस्पताल में पहले ही अल्ट्रासाउंड के लिए तीन महीने की चल रही वेटिंग, जिला मंडी में अब एक ही रेडियोलॉजिस्ट
करसोग। प्रदेशवासियों को घरद्वार पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के सरकारी दावों की पोल खुल गई है। अस्पतालों में खाली पदों को भरने के बजाए सरकार डॉक्टरों को डेपुटेशन पर भेज कर अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ रही है। ऐसा ही मामला करसोग सिविल अस्पताल में सामने आया है। यहां रेडियोलॉजी विभाग में सेवाएं दे रहे एक मात्र डॉक्टर को सरकार ने डेपुटेशन पर जोनल हॉस्पिटल कुल्लू भेज दिया है। इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं। हैरानी की बात है कि सिविल अस्पताल में तैनात रेडियोलॉजिस्ट पहले ही सप्ताह में एक दिन सिविल अस्पताल जंजेहली में भी डेपुटेशन पर सेवाएं दे रहा है, जबकि सिविल अस्पताल करसोग में अल्ट्रासाउंड के लिए तीन महीने की वेटिंग चल रही है। इसके अतिरिक्त सिविल अस्पताल में रोजाना जांच के दौरान 50 से 60 मरीजों को अल्ट्रासाउंड की सलाह दी जाती है। इस तरह से सरकार के इस तुगलकी फरमान से उपमंडल के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाली गरीब जनता की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रेडियोलॉजिस्ट के डेपुटेशन पर भेजे जाने के बाद गरीब जनता को अब अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए शिमला जाना पड़ेगा। जिसमें लोगों का समय और पैसा दोनों बर्बाद होगा। यही नहीं चुनावी साल में लिए गए इस तरह के निर्णय से जनता के बीच में सरकार की छवि भी खराब होगी।
जिला मंडी में दो ही रेडियोलॉजिस्ट
जिला मंडी में रेडियोलॉजिस्ट की भारी कमी चल रही है। वर्तमान में जिला में सिविल अस्पताल सरकाघाट और करसोग में ही दो रेडियोलॉजिस्ट सेवाएं दे रहे हैं। इसमें भी अब सिविल अस्पताल करसोग से रेडियोलॉजिस्ट को डेपुटेशन पर कुल्लू भेजा गया है। ऐसे में अब जिला में केवल एक ही रेडियोलॉजिस्ट रह गया है। इस तरह जिला मंडी में अब आम जनता की मुश्किलें बढ़ गई है। लोगों को मजबूरन प्राइवेट क्लीनिकों में महंगे अल्ट्रासाउंड करवाना होगा।
सीएमओ मंडी डॉ देवेंद्र शर्मा का कहना है कि करसोग सिविल अस्पताल में तैनात रेडियोलॉजिस्ट के डेपुटेशन पर भेजे जाने की सूचना मिली है। उनका कहना है कि जिला में पहले से ही रेडियोलॉजिस्ट की कमी चल रही है।
स्थानीय विधायक हीरालाल का कहना है कि जनता की सुविधा को देखते हुए रेडियोलॉजिस्ट को डेपुटेशन पर नहीं जाने दिया जाएगा। इस बारे में सरकार से बात की जाएगी।