शिमला। एसजेवीएन ने आज मैसर्स सौलरवर्ल्ड एनर्जी सोल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड के साथ जालौन जिले के गुरहा में 75 मेगावाट की सौर परियोजना तथा कानपुर देहात जिले के गुजराई में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना के लिए ईपीसी अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए।
नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने बताया कि यह 690.75 करोड़ रुपए के ईपीसी अनुबंध प्रारंभ से अंत तक कमीशन करना तथा दो वर्षों के लिए सौर पीवी संयंत्रों का प्रचालन और रखरखाव शामिल है। 75 मेगावाट की सौर परियोजना की अनुबंध मूल्य 410.75 करोड़ रुपए तथा 50 मेगावाट की सोलर परियोजना का अनुबंध मूल्य 280 करोड़ रुपए है।
अनुबंधों पर हस्ताक्षर एस. पी. बंसल, निदेशक (सिविल) एसजेवीएन, अखिलेश्वर सिंह, निदेशक (वित्त) एसजेवीएन, सुशील शर्मा, निदेशक (विद्युत), एसजेवीएन की गरिमामयी उपस्थिति में एसजेवीएन के कार्यकारी निदेशक(ईसीडी), श्री सलिल शमशेरी तथा मैसर्स सोलरवर्ल्ड के निदेशक, श्री कार्तिक तेलतीया द्वारा हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर एसजेवीएन तथा मैसर्स सोलरवर्ल्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थिति थे। दोनों परियोजनाओं को अप्रैल, 2023 तक कमीशन किया जाना निर्धारित है।
नन्द लाल शर्मा ने अवगत कराया कि टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से उत्तर प्रदेश नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी द्वारा इन परियोजनाओं को एसजेवीएन को आबंटित किया गया था।
नन्द लाल शर्मा ने आगे बताया कि एसजेवीएन ने इन दोनों सौर परियोजनाओं के लिए 2.98 प्रति यूनिट का टैरिफ प्रस्तावित किया है और इन परियोजनाओं से उत्पन्न विद्युत का क्रय यूपीपीसीएल द्वारा 25 वर्षों के लिए किया जाएगा। गुरहा परियोजना 24.22% क्षमता उपयोग कारक (सीयूएफ) के साथ सालाना 159 एमयू ऊर्जा उत्पन्न करेगी और गुजराई परियोजना 24.20% के सीयूएफ के साथ सालाना 106 एमयू ऊर्जा का उत्पादन करेगी।
नन्द लाल शर्मा ने कहा कि, \”कंपनी के पोर्टफोलियो में हाल ही में उत्तरोत्तर अर्जित नवीन नवीकरणीय परियोजनाएं राष्ट्र को अपनी गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा और अर्थव्यवस्था के डीकार्बोनाइजेशन के विस्तार हेतु सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।\”
वर्तमान में, एसजेवीएन के पास लगभग 31,500 मेगावाट का कुल पोर्टफोलियो है और इसने पावर ट्रांसमिशन और पावर ट्रेडिंग में भी विविधीकरण और प्रवेश किया है। हाल ही में अर्जित परियोजनाएं एसजेवीएन के वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट के साझा विजन को प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं।