विश्व बैंक ने हिमाचल में वित्त पोषित परियोजनाओं की समीक्षा की

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शिमला। विश्व बैंक की एक टीम ने दक्षिण-एशिया क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक (सतत् विकास) जॉन रूमे की अध्यक्षता में 5 व 6 फरवरी 2023 को राज्य का दौरा किया।
इसी कड़ी में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में हिमाचल प्रदेश में रेजीलिएंट पर्वतीय समुदायों में नए कार्यक्रमों की संभावनाओं पर आज यहां एक बैठक आयोजित की गई।
विश्व बैंक की टीम को अवगत करवाया कि प्रदेश सरकार हरित विकास से जलवायु अनुकूल हरित हिमाचल की ओर बढ़ने की ओर अग्रसर है। पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग (डीईएसटी) का उद्देश्य सतत् समावेशी हरित रेजीलिएंट हिमाचल की दिशा में हरित विकास पहलों को प्रोत्साहित करना है।
बैठक के दौरान राज्य में जिन नई परियोजनाओं में प्रदेश को विश्व बैंक से सहायता की आवश्यकता है उनपर भी चर्चा की गई। इन योजनाओं में राज्य में कार्बन तटस्थता प्राप्त करने के लिए ग्रीन-ईवी-मोबिलिटी प्रोग्राम के लिए समर्थन शामिल है। ग्रीन इंडिया मिशन एप्रोच के तहत हिमाचल के लिए हाइड्रो सस्टेनेबिलिटी, सस्टेनेबल फॉरेस्ट्री और नेचुरल कैपिटल मैनेजमेंट के लिए सस्टेनेबल कैचमेंट और पर्यावरण प्रबंधन के लिए कार्यप्रणाली विकसित करने के लिए सभी 12 जिला और क्षेत्रीय परियोजनाओं में शहरों में आवागमन सुचारू बनाना शामिल है।
बैठक के दौरान नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (शहरी और ग्रामीण) के सुरक्षित एवं सुचारू प्रबंध के माध्यम से राष्ट्रीय स्रोत प्रबंधन (एनआरएम) के समर्थन के लिए भी चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त (एमएसडब्ल्यू डंपिंग साइट विकसित करने, राज्य में प्लास्टिक निष्पादन के लिए एमआरएफ स्थापित करने, खतरनाक कचरे के लिए सामान्य टीएसडीएफ और प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव कम करने, मीथेन (सीएच4) के प्रभाव तथा भूजल प्रदूषण आदि को कम करने पर भी चर्चा की गई।
औद्योगिक अपशिष्ट के सुरक्षित निष्पादन के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में माइक्रो कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स की स्थापना के माध्यम से कुशल जल प्रबंधन सहित अपशिष्ट जल पुनर्भरण के निपटान और पुनः उपयोग के अलावा शासन एवं सेवा वितरण में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर भी गहन चर्चा की गई।
मुख्य सचिव, प्रबोध सक्सेना ने कहा कि एक इकाई के रूप में नदी बेसिन दृष्टिकोण के साथ विकासात्मक योजनाओं और रणनीतियों के सामंजस्य के लिए और भू-उपयोग योजना, स्थानिक योजना पर काम करने, वन जलग्रहण, जल सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और कृषि विकास योजनाओं को लैंडस्केप दृष्टिकोण में विकसित करने और तथा एकीकृत परिदृश्य पारिस्थितिकी तंत्र को अपनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रीय नीतियों को बढ़ाया जाएगा।
क्षेत्रीय निदेशक जॉन रूमे ने प्रदेश में कार्यान्वित की जा रही विश्व बैंक वित्त पोषित विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की।
विश्व बैंक टीम के साथ समन्वय कर रहे निदेशक पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ललित जैन ने बैंक के साथ हिमाचल प्रदेश में हरित विकास के लिए विभिन्न पहलों के बारे में विस्तृत प्रस्तुति दी।
विश्व बैंक की टीम में प्रैक्टिस मैनेजर-जल, सुमिला गुल्यानी, कार्यक्रम प्रमुख सतत विकास नतालिया कुलिचेंको, वरिष्ठ पर्यावरण विशेषज्ञ पीयूष डोगरा, प्रमुख आपदा जोखिम प्रबंधन विशेषज्ञ दीपक सिंह, प्रमुख संचालन अधिकारी आइपेक अलकन, वरिष्ठ कृषि व्यवसाय विशेषज्ञ आदर्श कुमार, टीम प्रमुख कारमेन यी बतिस्ता और मैथ्यूज मुलक्कल व रामानुजम शामिल थे।

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