शिमला। राजधानी शिमला के ऐतिहासिक क्राइसचर्च में क्रिसमस की तैयारियां जोर शोर के साथ शुरु हो गई है।यहाँ चर्च को बिजली की रंग बिरंगी आकर्षक लाइटों से सजाया जा रहा है। लेकिन कोरोना काल मे इस बार बदला बदला क्रिसमिस मनाया जा रहा है,
बढ़ रहे कोविड-19 के मामलों के चलते शिमला के क्राईस चर्च में क्रिसमस से पूर्व न तो कैरल सांग होगा और न ही सांता क्लॉज घर-घर जाकर गिफ्ट बांटेगा। कोरोना संक्रमण के चलते लगाए गए रात्रि कर्फ्यू के कारण क्रिसमस के रात्रि कार्यक्रम रद कर दिए गए हैं।हर बार चर्च में क्रिसमस के कार्यक्रम रात साढ़े 11 बजे शुरू होते हैं और ठीक 12 बजे प्रभु यीशु का जन्म होते ही चर्च का घंटा बजाया जाता है। इस बार नाइट कर्फ्यू के चलते रात नौ बजे जन्मोत्सव मनाया जाएगा व सूक्ष्म प्रार्थना होगी।कोरोना संक्रमण के कारण लगाए गए रात्रि कर्फ्यू के कारण सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद कर दिए गए हैं। शिमला के क्राइस्ट चर्च के पादरी सोहन लाल का कहना है कि प्रभु यीशु के जन्मदिवस की तैयारी सभी चर्च में शुरू कर दी गई है। इस वर्ष कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुसार कार्यक्रमों में कटौती की गई है। कार्यक्रम के दौरान केवल 50 ही लोग एक समय पर चर्च में प्रवेश कर पाएंगे। गाइडलाइन का पालन होगा और बड़ा आयोजन इस बार नहीं हो सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रभू यीशू से क्रिसमस पर्व पर कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी के खात्मे के लिए प्रार्थना की जाएगी। नहीं होगी 25 को पार्टी, गाइडलाइन का करना होना पालन
क्रिसमस पर 25 दिसंबर को मनाई जाने वाली पार्टी भी इस बार नहीं होगी। इस बार गरीबों और जरूरतमंद लोगों को राशन वितरित किया जाएगा। इसके अलावा क्राइस्ट चर्च में प्रार्थनाओं के लिए शिफ्ट बनाई जाएगी। शारीरिक दूरी और मास्क पहनना प्रार्थना सभा में आवश्यक होगा। इसके अलावा शहर के कैथोलिक चर्च और अन्य स्थानों पर भी किसमस पर गाइडलाइन का पालन करना होगा।
एसजेवीएन द्वारा सतर्कता अनुपालन बढ़ाने हेतु सीपीएसयू में सर्वोत्तम प्रथाओं पर दो दिवसीय सतर्कता संगोष्ठी का आयोजन
शिमला। एसजेवीएन ‘उत्कृष्ट सतर्कता अनुपालन हेतु केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सर्वोत्तम प्रथाओं’ पर दो दिवसीय सतर्कता संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 21-22 नवंबर, 2024 तक धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश में कर रहा है। आज…