नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के विरोध में दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों का आंदोलन 70 से भी अधिक दिनों से अनवरत रूप से जारी है। वहीं आज सरकार से बातचीत का रास्ता खोलने, अपनी मांगो को लेकर दबाव बनाने और आंदोलन को चलाने की रणनीति के सिलसिले में आज संयुक्त किसान मोर्चा बैठक करने जा रहा है।इस बैठक में कई किसान संगठनों के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। इस दौरान जो भी फैसले लिए जाएंगे उनको आंदोलनरत किसानों के साथ साझा किया जाएगा। बता दें कि कई बॉर्डरों पर किसानों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है|
बॉर्डर पर बढ़ रही किसानों की संख्या
टिकरी बॉर्डर पर हरियाणा के किसानों की संख्या बढ़ रही है। हरियाणा से पुरुषों के साथ महिलाओं का जत्था भी यहां पहुंच रहा है। इसमें बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल है। मंगलवार को मंच पर किसानों ने धरना देकर सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को किसानों के हित को देखना चाहिए लेकिन वह भी किसानों का अपमान कर रहे हैं।
सुबह आकर शाम को गांव लौट जाती है महिलाएं
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि किसानों का उन्हें पूरा ख्याल है, तो नया कृषि कानून वापस क्यों नहीं ले रहे? किसानों पर इस कानून को क्यों थोपा जा रहा है? इधर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में महिलाएं सुबह धरनास्थल आती हैं और शाम को जाती है। महिलाओं का कहना है कि यहां पर रुकने की पर्याप्त सुविधा न होने के कारण वो सुबह धरना देने आती हैं और शाम को अपने गांव लौट जाती हैं।
यूपी गेट धरनास्थल पर युवा आंदोलनकारियों का हुड़दंग
वहीं दूसरी ओर यूपी गेट धरना स्थल पर युवा आंदोलनकारियों का हुड़दंग लगातार जारी है। गत दिनों देर रात तक डीजे बजाने और नशा कर नाचने की बात सामने आई थी, जिसके बाद भारतीय किसान यूनियन मंच से कई दिनों तक ऐलान करने के बाद भी यह हुड़दंग ई नहीं रुका। तो पुलिस व किसान वालंटियरों ने इन्हें रोका।
वहीं अभी भी प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर पर सवार होकर जमकर हुड़दंग करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इससे हादसे की भी संभावना बन रही है। प्रदर्शनकारियों की अगुवाई कर रहे नेता मंच से हुड़दंग नहीं करने की लगातार अपील कर रहे हैं। जगह-जगह इसके लिए पोस्टर भी लगाए गए हैं। धरनास्थल पर आवश्यक रूप से वाहन नहीं चलाने की अपील की जा रही है। वाहनों की गति सीमा 15 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है। उनकी यह सारी कवायद का कोई असर नहीं दिख रहा है।