जंगल में लगी आग की चपेट में आया मकान, कोट और धरमौड रंगास में 20 हेक्टेयर जंगल चढ़ा आगजनी की भेंट

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करसोग। करसोग उपमंडल के तहत खील पंचायत के धरमोड़ रंगास सहित कोट के जंगल में लगी आग ने एक गैर रिहायशी मकान को भी अपनी चपेट में ले लिया। वीरवार सुबह धरमौड़ रंगास के जंगल से शुरू हुई आग साथ लगते कोट जंगल में फैल गई। जिस पर वन विभाग, अग्निशमन की टीमों सहित स्थानीय जनता ने काफी मशक्कत के बाद देर रात तक काबू पाया , लेकिन इतने में 20 हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ चुका था। इसमें 5 हेक्टेयर जंगल धरमौड़ रंगास और 15 हेक्टेयर कोट जंगल आगजनी की चपेट में आ गया। ऐसे में लाखों की बहुमूल्य वन संपदा जलकर राख हो गई। कई हेक्टेयर जंगल मे फैली आग से वन्य प्राणियों की भी मौत हो गई। यही नहीं आगजनी से इकोलॉजी पर भी दुष्प्रभाव पड़ा है। इसके अतिरिक्त जंगल को हुए नुकसान का प्राकृतिक पेयजल स्त्रोतों भी असर पड़ेगा। हालांकि दोनों ही जंगलों के समीप लगते मकानों को लोगों ने बड़ी मशकत के बाद बचा लिया, लेकिन इस दौरान रंगास के समीप दो मंजिला गैर रिहायशी मकान को नहीं बचाया जा सका। आग की तेज उठती लपटों ने देर रात मकान को अपनी चपेट में ले लिया। जिस पर राजस्व विभाग के हल्का पटवारी ने मौके पर पहुंच कर नुकसान का आंकलन कर लिया है। वहीं वन विभाग के फील्ड स्टाफ ने भी जंगल मे लगी आग की रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेज दी है। हालांकि आग लगने के कारण का अभी पता नहीं लग पाया है। इस बारे में वन विभाग ने जांच करने के आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं रेंज ऑफिसर गोपाल चौहान का कहना है कि आग के कारणों की छानबीन की जाएगी। इस बारे में जांच के निर्देश जारी किए गए है। उन्होंने कहा कि फील्ड स्टाफ से जंगल को हुए नुकसान की रिपोर्ट मांगी गई है।

खील पंचायत के उपप्रधान चंद्रेश कुमार का कहना है कि खील पंचायत के तहत जंगल में आग लगने से एक मकान भी जल गया है। जिसमें काफी नुकसान हुआ है। आग से जंगल को भी बहुत नुकसान हुआ है। उन्होंने ग्रामीणों से भी आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए सहयोग की अपील की है।

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