शिमला। केंद्रीय शहरी और आवास मंत्रालय की ओर से जारी ‘ईज ऑफ लिविंग’ सूची 2018 में शिमला देश के 111 शहरों में से 92वें स्थान पर रहा था। शिमला को 100 में से सिर्फ 27.32 अंक मिले थे। इसमें राजधानी शिमला के 35.34 वर्ग किमी क्षेत्र को शामिल किया गया था। अब स्थिति इसके एकदम उलट हो गई है।केंद्रीय शहरी और आवास मंत्रालय की ओर से जारी ‘ईज ऑफ लिविंग’ सूची 2018 में शिमला देश के 111 शहरों में से 92वें स्थान पर रहा था। शिमला को 100 में से सिर्फ 27.32 अंक मिले थे। इसमें राजधानी शिमला के 35.34 वर्ग किमी क्षेत्र को शामिल किया गया था। अब स्थिति इसके एकदम उलट हो गई है।
भारत सरकार के आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स 2020 में देशभर के 111 शहरों की रैंकिंग जारी की है। इनमें 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में बेंगलुरु को देशभर में पहला स्थान मिला है, वहीं 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों की में सूची में शिमला को देशभर में पहला स्थान मिला है। देश में रहने के लिहाज से छोटे शहरों में शिमला सबसे बेहतर शहर है। भुवनेश्वर दूसरे और सिलवासा तीसरे स्थान पर है। इसके अलावा इस सूची में काकीनाड़ा, सलेम, वेल्लोर, गांधीनगर, गुरुग्राम, दावणगेरे और तिरुचिरापल्ली शामिल हैं।
नगर निगम की ओर से इन सुविधाओं पर दिया जा रहा है ध्यान
शहरवासियों को नगर निगम से जुड़ी सभी सेवाओं की एक छत के नीचे सुविधा देने का प्लान तैयार कर लिया है। असल में शहरवासी लंबे समय से मांग कर रहे थे कि नगर निगम की सेवाएं एक ही छत के नीचे मिलनी चाहिए। शहरी विकास मंत्री ने इस बारे में निर्देश दिए थे कि सब्जी मंडी में खाली जमीन पर जन सुविधा देने का प्रस्ताव तैयार किया जाए। पेयजल बिल, कूड़ा बिल, टैक्स, किराया, लीज और जुर्माने आदि का भुगतान करने के अलावा एनओसी और नए कनेक्शनों के लिए आवेदन करने संबंधी सेवाएं एक ही छत के नीचे दी जाए। हिमुडा को इसका विस्तृत प्लान तैयार करने को कहा गया था। मेयर सत्या कौंडल ने कहा कि हिमुडा ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है।