शिमला। पिछले 24 घंटो में हिमाचल प्रदेश में दो और कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो गई है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला में अर्की 57 वर्षीय और बिलासपुर के 73 वर्षीय कोरोना संक्रमित बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। अस्पताल में एक साथ एक ही दिन दो मौतों से हड़कंप मचा हुआ है। वहीं, प्रदेश में कोरोना वायरस के 171 नए मामले आए हैं। कांगड़ा जिले में 52, सोलन 28, ऊना 47, शिमला 10, बिलासपुर नौ, सिरमौर छह, कुल्लू पांच, मंडी छह और हमीरपुर में आठ नए मामले आए हैं।
नंगल के बीबीएमबी डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में चार अध्यापकों समेत सात लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। कांगड़ा जिले में चार विद्यार्थियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। शिमला स्थित स्टेट लाइब्रेरी में कार्यरत एक महिला चपरासी की कोविड टेस्ट रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। महिला के संपर्क में आए असिस्टेंट लाइब्रेरियन और लाइब्रेरियन अटेंडेंट को क्वारंटीन कर दिया है। रिज मैदान स्थित स्टेट लाइब्रेरी को बंद कर दिया है।
उधर, प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना की जांच के लिए 5596 लोगों के सैंपल लिए गए। इनमें से 5057 की रिपोर्ट निगेटिव और 427 सैंपलों की रिपोर्ट आनी है। इसके साथ ही प्रदेश के कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 60389 पहुंच गया है। सक्रिय मामले अब 1124 हो गए हैं। अब तक 58248 संक्रमित ठीक हो चुके हैं और 1003 की मौत हुई है। बिलासपुर में कोरोना के सक्रिय केसों की संख्या 59, चंबा चार, हमीरपुर 64, कांगड़ा 219, किन्नौर तीन, लाहौल-स्पीति शून्य, कुल्लू 23, मंडी 47, शिमला 109, सिरमौर 100, सोलन 149 और ऊना जिले में 347 है।
कोरोना को लेकर लापरवाह हो गईं सरकारें और जनता: शांता
देश में एक बार फिर बढ़ती जा रही कोरोना महामारी पर भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर राज्य सरकारें और देशवासी लापरवाह हो गए हैं। कोरोना से बचाव के लिए जो नियम बनाए गए थे, उन्हें दरकिनार किया जा रहा है। सरकारों को इसके लिए फिर से सख्ती बरतनी होगी, ताकि कोरोना को रोका जाए। उन्होंने कहा कि जिस गति से कोरोना फिर बढ़ने लगा है, वह चिंता का विषय है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि कोरोना गांवों में चला गया तो फिर इसे रोकना मुश्किल है।
पूर्व सीएम ने राज्य सरकारों और देश की जनता को संदेश दिया है कि कोरोना से बचाव के नियमों और सावधानियों से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। मेलों और बड़े-बड़े समारोहों के बिना भी जिंदगी चल सकती है, लेकिन एक बार बीमारी आई तो जिंदगी नहीं रहेगी। इसके लिए सरकारों व जनता को सावधान होना चाहिए। कोरोना से अपनी पत्नी को खो चुके शांता कुमार ने लोगों से कहा कि इसके लिए अपना पूरा बचाव रखें। उन्होंने कहा कि कोरोना होने पर उन्हें तीन-चार दिन बुखार रहा था। उसके बाद वह ठीक हो गया। साथ ही उन्होंने जनता को आम संदेश दिया कि निरोग रहने के लिए योग भी जरूरी है।