करसोग। करसोग में आगजनी की बढ़ती घटनाओं पर महिलाओं ने अपनी नाराजगी जताई है। यहां रविवार को आयोजित शिवा महिला मंडल देहरी की बैठक में महिलाओं ने जंगलों में लगने वाली आग पर चिंता जताई। उपमंडल में हजारों हेक्टेयर जंगलों में लगी आग को लेकर भी महिलाओं ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। करसोग वन मंडल डिवीजन के तहत गर्मियों का सीजन शुरू होने से पहले ही हजारों हेक्टेयर जंगल आगजनी की भेंट चढ़ चुके हैं। जिसमें लाखों की वन संपदा राख होने के साथ हजारों जीवजंतु अकाल ही मौत का ग्रास बन गए हैं। यही नहीं जगंलों में उगने वाली वसनस्पति सहित प्राकृतिक तरीके से उगी पौध भी स्वाह हो चुकी है। यही नहीं वन विभाग सहित स्थानीय स्तर पर महिला मंडलों, युवक मंडलों व आम जनता हर साल पौधरोपण करती है, ये सभी पौधे भी आग लगने से नष्ट हो गए हैं। जिस पर लोगों की खून पसीने की कमाई के करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन हैरानी की बात कि वन विभाग की लापरवाही से सब कुछ बर्बाद हो गया है। महिलाओं में चिंता जताई है कि आगजनी की घटनाओं के लगातार बढ़ रही घटनाओं के बाद भी वन विभाग कोई सबक लेने को तैयार नहीं है। अभी भी जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं पर अंकुश नहीं लगा है। जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। अब गर्मियों का सीजन शुरू हो रहा है, ऐसे में अगर समय रहते कोई उचित कदम नहीं उठाए गए तो बचे हुए जंगल भी राख हो जाएंगे।
शिवा महिला मंडल देहरी की प्रधान वनिता गौतम ने बताया कि महिला मंडल की बैठक में वनों पर लगनी वाली आग पर चिंता जताई गई। उन्होंने कहा कि हर साल सरकार पौध रोपण पर करोड़ों खर्च करती है। जिसमें महिला मंडलों सहित युवक मंडल व स्थानीय लोग भी सहयोग करते हैं। लेकिन ऐस पौधरोपण का क्या फायदा है, जब वन विभाग जंगलों को आग से ही नहीं बचा पा रहा है। उन्होंने सरकार से इस बारे में उचित कदम उठाए जाने की मांग की है।