शिमला। होम क्वारंटीन में रखे गए कोविड रोगियों के उचित उपचार को सुनिश्चित करने के लिए एक समर्पित टीम स्थापित कर प्रभावी तंत्र विकसित किया जाना चाहिए ताकि लोगों को स्वेच्छा से कोविड टीकाकरण के लिए आगे आने के लिए प्रेरित करने के अलावा उनके स्वास्थ्य मापदंडों की निगरानी की जा सके। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज हमीरपुर के बचत भवन में जिले में कोविड-19 और सूखे जैसी स्थिति की समीक्षा, के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। उन्होंने इस अवसर पर जिले में मुख्यमंत्री की घोषणाओं के कार्यान्वयन में प्रगति की समीक्षा भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष रूप से छात्रावास के छात्रों, कर्मचारियों, सार्वजनिक परिवहन में लगे व्यक्तियों, बाजारों, कैटरर्स, रसोइयों आदि के कोविड परीक्षण में तेजी लाने के प्रयास किए जाने चाहिए। स्थानीय आशा कार्यकर्ताओं को होम आइसोलेशन में रखे गए मरीजों को दिन में दो बार नियमित रूप से सम्पर्क करना चाहिए और चिकित्सकों को भी नियमित रूप से कोविड मरीजों से बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दुकानों, कार्यालयों, होटलों और आम जनता को कवर करने के लिए तथा राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए नो मास्क-नो सर्विस विषय पर बड़े पैमाने पर सूचना शिक्षा और प्रचार अभियान शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिले में धार्मिक स्थलों और तीर्थों पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को कोविड मापदण्डों के बारे में जागरूक करने के लिए निरंतर अपील और जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि मेडिकल काॅलेज हमीरपुर में आॅक्सीजन प्लांट को जल्द से जल्द स्थापित किया जाना चाहिए और किसी भी आपातकाल स्थिति से निपटने के लिए बिस्तरों की क्षमता बढ़ाई जानी चाहिए। लोगों को विभिन्न सामाजिक समारोहों जैसे विवाह, मुंडन और कथा आदि के दौरान अधिक भीड़ वाले स्थानों में न जाने से बचने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। कोविड रोगियों के लिए बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से आंतरिक कार्यक्रमों का आयोजन इस वायरस के तीव्र प्रसार का कारण बन रहा है। जिला प्रशासन को इस तरह के आयोजन करने से बचने के लिए लोगों को प्रेरित करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम क्वारंटीन में रह रहे वृद्धजनों और गम्भीर बीमारी से ग्रस्त कोविड रोगियों के स्वास्थ्य मापदंडों की नियमित निगरानी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
जिले में संभावित सूखे से निपटने के लिए तैयार की गई योजनाओं की समीक्षा करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले में वर्षा की कमी के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए सभी संभव उपाय किए जाने चाहिए। जल स्रोतों के जीर्णोद्धार पर विशेष बल देने और लोगों को पानी का अनुकूल उपयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन द्वारा विकसित हिम रेड क्राॅस मोबाइल ऐप का भी शुभारम्भ किया।
स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने कहा कि राज्य सरकार महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए जिला प्रशासन को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। तीन टीएस टैस्टिंग (जांच), ट्रेसिंग (नजर रखना) और ट्रीटमेंट (उपचार) पर विशेष बल दिया जाना चाहिए, क्योंकि इस वायरस से बचने के लिए यही एकमात्र मूल मंत्र है।
उपायुक्त हमीरपुर देबश्वेता बनिक ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और कहा कि जिले में कोविड-19 के अब तक 709 सक्रिय मामले हैं और 57 मौतें दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि जिले में 620 लोगों को होम क्वारंटीन में रखा गया है और 1,05,243 लोगों की कोविड जांच की गई है। जिले में कुल सक्रिय मामलों में से 145 मामले जिले के टौणी देवी खण्ड में हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही 15 बिस्तरों की क्षमता वाला कोविड समर्पित अस्पताल स्थापित किया जा रहा है और अगले कुछ दिनों के भीतर पीएसए (आॅक्सीजन जेनरेशन प्लांट) भी स्थापित कर दिया जाएगा। परीक्षण प्रयोगशाला की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक कोविड परीक्षण सुनिश्चित किए जा सकंे। उन्होंने कहा कि जिले में अब तक 1,11,175 लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है, जबकि 10,501 लोगों को दोनों खुराकें दे दी गई है। उन्होंने कहा कि लोगों को कोविड के प्रति उचित व्यवहार अपनाने के लिए सूचना शिक्षा और प्रचार अभियान पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि माइक्रो लेवल पर जिले में 233 एक्टिव कंटेंमेंट जोन हैं।
ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर, विधायक हमीरपुर नरेंद्र ठाकुर, विधायक भोरंज कमलेश ठाकुर, बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा वंदना गुलेरिया, जिला परिषद अध्यक्षा बबली देवी, नगर परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य तथा विभिन्न हितधारक जैसे व्यापार मण्डल के प्रतिनिधियों ने भी इस बैठक में भाग लिया।