आशा वर्करों से अन्याय न करे और कोविड सेंटरों की सुध ले सरकार: राजेंद्र राणा

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आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि कोरोना महामारी की इस भयावह घड़ी में आशा वर्करों ने अपनी जान जोखिम में डालकर अग्रिम फ्रंट पर अपनी ड्यूटी निभाई है और कई आशा वर्कर इस दौरान संक्रमित भी हुई हैं। आशा वर्करों को वैसे भी मेहनताना बहुत कम मिलता है परंतु पिछले 3 माह से उनका मानदेय रोका जाना इस वर्ग के साथ सरासर नाइंसाफी है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस उदासीन रवैया से आशा वर्करों का मनोबल भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी निरंतर दयनीय बनती जा रही है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि कोविड सेंटरों में पर्याप्त सुविधाएं ना होने की शिकायत लगातार रोगी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस होने के बाद अपने परिवार से दूर रह रहे कोरोना मरीज सुविधाओं के अभाव में डिप्रेशन का शिकार भी हो रहे हैं और लगातार सरकार से यहां सुविधाएं सुदृढ़ करने की गुहार लगा रहे हैं। सरकार को उनकी पीड़ा समझनी चाहिए।
राजेंद्र राणा ने कहा कि रोजगार अवसर प्रभावित होने के कारण मजदूर वर्ग फिर से अपने राज्यों की तरफ पलायन कर रहा है। इस बार इस सरकार को संवेदनशील रवैया बनाना चाहिए ताकि मजदूर वर्ग पर फिर से कहर ना टूटे।

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