प्रशासन पर निर्भरता छोड़, पहाड़ की महिलाओं ने खुद ही बदल दी सड़क की तस्वीर

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करसोग। करसोग में पहाड़ की महिलाओं ने अपने पहाड़ जैसे संकल्प से सामाजिक ढांचे को भेदते हुए जीवन के नए मायने गढ़े हैं। प्रशासन पर निर्भरता छोड़ महिलाओं ने भारी बारिश से खराब हुई सड़क की खुद ही तस्वीर बदली है। यहां ग्राम पंचायत मतेहल के तहत बने मतेहल महिला मंडल की नारीशक्ति ने हाथों में गैती और बेलचा उठाकर भारी बारिश से खराब हुई तीन किलोमीटर सड़क को साफ कर नक्शा ही बदल दिया। घर का चूल्हा चौका संभाल रही नारीशक्ति ने झिझक को छोड़ उबड़खाबड़ सड़क को वाहनों की आवाजाही के लायक बनाकर उदाहरण पेश किया है। ग्राम पंचायत मतेहल के प्रधान दीवान चंद शर्मा की अगुवाई में महिलाओं ने मतेहल से दोगरी को जोड़ने वाले लिंक रोड को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया है। उपमंडल में 11 जून की आधी रात में मौसम ने अपना कहर बरपाया था। कई स्थानों पर तूफान और मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई थी। इस दौरान सेब सहित अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचने के साथ कच्ची सड़कों व पैदल चलने वाले रास्ते भी मूसलाधार बारिश की भेंट चढ़ गए। जिसमें मतेहल से दोगरी को जोड़ने वाला लिंक रोड भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। ग्रामीणों अपने खून पसीने की पाई पाई को जोड़कर लिंक रोड को निकाला है। ऐसे में मतेहल में बादल फटने जैसी हुई बारिश की वजह से लिंक रोड में पानी के तेज बहाव की वजह से पूरी तरह से नाले में तब्दील हो गया था। इस सड़क पर वाहन तो दूर लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया था। ऐसे में मौसम खुलते ही महिलाओं में हाथों में औजार उठाकर एक ही दिन में सड़क का नक्शा बदल दिया। इस अनूठी पहल के लिए ग्रामीणों ने महिलाओं की पीठ थपथपाई है। इस अभियान में मतेहल महिला मंडल की संगीता देवी, अर्चना, शीला, हेमलता व बुद्धि देवी सहित सभी सदस्य शामिल रही।

मतेहल महिला मंडल की प्रधान तरुणा ने बताया कि महिलाओं ने ग्राम पंचायत मतेहल के प्रधान की अगुआई में मतेहल से दोगरी तक लिंक रोड को वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल कर दिया है। उन्होंने कहा कि मूसलाधार बारिश से ये सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी।

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