शिमला। राजधनी में बर्फबारी के 24 घंटे बाद भी शहर में जनजीवन पटरी पर नहीं लौट पाया है। आईजीएमसी के एमएस डा. जनक राज सहित करीब चार दर्जन लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। बर्फ से गिरने के कारण अधिकतर लोगों की टांग व बाजू की हड्डी फे्रक्चर हो गई हैं। घायलों को उपचार के लिए आईजीएमसी में भर्ती कराया गया है। जिला प्रशासन ने शहर में शनिवार को अवकाश घोषित कर दिया था, लेकिन स्वास्थ्य, डाक, फायर, पुलिस सहित अन्य आपातकालीन सेवाओं में तैनात कर्मचारियों को बर्फ के बीच पैदल चलकर ही कार्यालय आना पड़ा।
बर्फ पर कोहरा जमा होने से कई लोग गिरते पड़ते कार्यालय पहुंचे। शहर में दोपहर तक मुख्य सड़कों के अलावा नगर निगम की सभी संपर्क सड़कें भी बंद रहीं। बर्फ से लकदक हुए पेड़ कहर बनकर टूट रहे हैं। शनिवार को बैम्लोई में घर पर पेड़ गिरा, जिससे पूरे घर को नुकसान पहुंचा है। 18 से ज्यादा पेड़ शहर में गिरे हुए हैं। घरों, बिजली तारों और गाडिय़ां पर गिरे इन पेड़ों से भारी तबाही हुई है। कई जगह अभी तक सड़कों पर पेड़ गिरे पड़े हैं।
वन विभाग ने शनिवार को दिन भर गिरे पेड़ों को हटाकर रास्तों को साफ किया। शहर में पेड़ ढहने की आशंका जताते हुए अलर्ट रहने को कहा है।
विभाग का कहना है कि पेडों पर बर्फ है, जिससे इनके गिरने का खतरा बना हुआ है। जाखू, बैनमोर, चौड़ा मैदान, लक्कड़ बाजार, संजौली समेत कई इलाकों में पेड़ों पर भारी बर्फ जमी है। भारी बर्फबारी के चलते राजधानी में हालात ऐसे हैं कि अस्पतालों को जोडऩे वाली सड़कें तक बंद पड़ी हैं। शहर के जाखू, बैनमोर, लक्कड़ बाजार, आईजीएमसी, ढली, छोटा शिमला के कई क्षेत्रों में पैदल रास्तों पर बर्फ की मोटी परत जम गई है। इन इलाकों में आवाजाही बहाल करने में तीन से चार दिन लग सकते हैं।