रात के अंधेरे में बाड़े में घुसा तेंदुआ, पांच भेड़ों को बनाया शिकार, पंचायत में सप्ताह के भीतर ये दूसरी घटना

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करसोग। चुराग विकासखंड के तहत मेहरन पंचायत में तेंदुएं ने आतंक मचा दिया है। यहां पंचायत में सप्ताह के भीतर तेंदुएं ने अलग अलग स्थानों पर हमला कर अब तक 11 भेड़ बकरियों को अपना शिकार बना दिया है। जानकारी के मुताबिक मेहरन पंचायत के अंतर्गत सोमवार देर रात को तेंदुएं ने छीउंड गांव में बाड़े के अंदर घुसकर खेमराज की पांच भेड़ों को अपना शिकार बना दिया। जिसकी जानकारी परिवार को मंगलवार की सुबह उस वक्त लगी जब खेमराज का बेटा कमल कुमार बैल खोलने गया था तो पाया कि बाड़े के अंदर एक भेड़ खून से लथपथ मरी हुई थी। इसके बाद गिनती करने पर चार और भेड़ें गायब पाई गई। जिसकी सूचना संबंधित वार्ड सदस्य मीनचंद को दी गई। जिससे बाद वार्ड सदस्य मौके पर पहुंचा और इस बारे में स्थानीय प्रधान सहित वन विभाग, पशु पालन विभाग और राजस्व विभाग को भी सूचना दी गई। जिस पर प्रधान सहित सभी विभागों के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और भेड़ मालिक का बयान दर्ज किया गया। खेमराज ने बताया कि रात को जब परिवार सदस्य सोए थे तो तेंदुआ खिड़की का पट्टा तोड़कर बाड़े में घुस गया। इस दौरान तेंदुएं ने पांच भेड़ों को अपना शिकार बनाया। इसमें एक भेड़ मौके पर मरी हुई पाई गई, जबकि चार भेड़ें गायब थी। जिसकी घर के आसपास तलाश की गई, लेकिन भेड़ों का कोई सुराग नही लगा। प्रधान सहित वन विभाग, पशु पालन विभाग और राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने मौके की रिपोर्ट तैयार कर ली हैं। बता दें कि मेहरन पंचायत में तेंदुए के बाड़े में घुसने की सप्ताह के भीतर ये दूसरी घटना है। इससे पूर्व कांडी गांव में भी कुछ दिन पहले तेंदुए ने बाड़े में घुसकर पूर्ण सिंह पुत्र भीमी राम की 6 बकरियों को भी शिकार बनाया था। जिससे क्षेत्रवासियों में डर का माहौल है। ऐसे में लोगों को बच्चों को घर के बाहर अकेले भेजना भी मुश्किल हो गया है। इसको देखते हुए स्थानीय जनता ने वन विभाग से तेंदुएं को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की मांग की है। स्थानीय प्रधान राजकुमारी का कहना है कि
छीउंड गांव से बाड़े में तेंदुआ घुसने की सूचना मिली थी। मौके में पहुंचकर पाया गया कि एक भेड़ बाड़े के अंदर मरी हुई थी। इसके अतिरिक्त खेमराज ने चार भेड़ें गायब होने की बात कही है। इस बारे में रिपोर्ट तैयार की गई है।

 

वन मंडल करसोग के डीएफओ कृष्ण भाग नेगी का कहना है कि अभी फील्ड से रिपोर्ट नहीं मिली है। जैसे ही रिपोर्ट प्राप्त होगी नियमानुसार नुकसान की भरपाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जान माल का और नुकसान न हो, इसके लिए पिंजरा लगाने की व्यवस्था की जाएगी। इस बारे में तुरंत प्रभाव से दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं।

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