किसानों का नहीं बिचौलियों और आढ़तियों का है यह आंदोलन: शांता कुमार

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पालमपुर। हिमाचल प्रदेश भाजपा के वरिष्‍ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा भारत के कुल 36 प्रदेशों और केंद्र शासित राज्यों में से केवल मुख्य रूप से दो प्रदेशों का यह किसान आंदोलन है। पड़ोस के कुछ प्रदेशों के लोग आंशिक रूप से शामिल हैं। देश के दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में अांदोलन नाममात्र भी नहीं है। कहीं कहीं विपक्षी दल केवल रस्म निभा रहे हैं। दुर्भाग्य है कि स्वार्थ के लिए नेताओं की बोलियां बदल जाती हैं। उन्होंने कहा देश के लगभग सभी कृषि वैज्ञानिकों, विद्वानों और प्रबुध लेखकों ने नए कृषि कानूनों का समर्थन किया है। देश का मीडिया भी अपने संपादकीय में इसका समर्थन कर रहा है। समय-समय पर कृषि सुधारों की मांग की जाती रही थी।शरद पवार से लेकर कपिल सिब्बल तक ने समर्थन किया है। नेता मुकर सकते हैं परंतु उनके वीडियो में कहे शब्द कायम हैं। उन्होंने कहा यह देश का दुर्भाग्य है कि देश की राजनीति देश के लिए नहीं केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए काम करती है। इसीलिए नेताओं की बोलियां बदल जाती हैं।

बिचौलियों के चंगुल से से सरकार किसानों को निकालना चाहती है

शांता कुमार ने कहा कि हैरानी की वात तो यह है कि जिन बिचौलियों के चंगुल से सरकार किसानों को निकालना चाहती है, उन्हीं के बहकावे में आकर दो प्रदेशों में अांदोलन हो रहा है। मुख्य रूप से दो प्रदेशों के करोड़ों रुपये कमाने वाले और किसानों का शोषण करने वाले बिचौलिये तथा निराश और हताश विपक्ष इस अांदोलन को चला रहे हैं। नागरिकता कानून पर शाहीन बाग एक ताजा उराहरण है। उन्होंने कहा कि यदि नये कानून किसानों के लिए इतने घातक हैं तो पूरे देश के सभी प्रदेशों में आंदोलन क्यों नहीं हो रहा है। आंदोलन केवल उन्हीं प्रदेशों में हो रहा है, जहां बिचौलियों और आढ़तिये करोड़ों रुपयों की कमाई करते थे। देश की जनता और किसान इस स्थिति को समझे और नए कानून के रूप में इस सुनहरी मौके का लाभ उठाएं।

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