उत्कृष्ट सेवाओं के लिए IGMC को मिला प्रमाण पत्र

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शिमला। गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर आईजीएमसी को स्वास्थ्य क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा, आयुष्मान भारत के बेहतरीन कार्यान्वयन के लिए आज रिज मैदान में सम्मानित किया गया है. आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना में बेहतर काम करने और मरीजों को निशुल्क इलाज देने में आईजीएमसी अव्वल आया है, इसलिए सीएम जयराम ठाकुर और राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रमाण पत्र देकर आईजीएमसी को सम्मनित किया है.

कोरोना काल में प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में जहां सिर्फ कोविड ओपीडी चल रही थी. वहीं आईजी एमसी एक ऐसा अस्पताल था, जहां कोविड के साथ-साथ दूसरे मरीजों को इलाज दिया जा रहा था. कोरोना काल में अस्पताल की सेवाएं बहुत की महत्वपूर्ण साबित हुई और अब तक अस्पताल में कोरोना से मरने वालो की मौत दर भी कमी आ रही है.

प्रदेश में साल 2018 के सितम्बर में शुरू हुई आयुष्मान भारत योजना के बाद 21 जनवरी 2021 तक आईजीएमसी में 14 हजार 946 मरीजों को योजना के तहत फ्री इलाज दे चुका है. साल 2018 में योजना के शुरूआत में 730 मरीजों को इलाज दिया गया, जिसमें 98 लाख 88 हजार 100 रुपये खर्च किए गए. इसी तरह साल 2019 में 8 हजार 126 मरीजों का इलाज हुआ, जिसमें 11 करोड़ 40 लाख 46 हजार 293 रुपये की राशि खर्च की गई. साल 2020 में 5 में हजार 915 मरीजों का इलाज किया गया, जिसमें 11 करोड़ 6 लाख 79 हजार 504 रुपये की राशि खर्च की गई. वहीं साल 2021 में 21 जनवरी तक 175 मरीजों का इलाज किया गया, जिसमें 18 लाख 99 हजार 60 रुपये की राशि खर्च की गई है.

IGMC के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि आईजीएमसी को मिले इस सम्मान का श्रेय मैं अस्पताल के प्रथम से लेकर चतुर्थ श्रेणी, सुरक्षा कर्मी और सफाईकर्मी सहित प्रत्येक उस कर्मचारी को देता हूं, जिन्होंने इस संकट के समय पूरी ईमानदारी व समर्पण भाव से मरीजों की सेवा की.

गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर आईजीएमसी को स्वास्थ्य क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा, आयुष्मान भारत के बेहतरीन कार्यान्वयन के लिए आज रिज मैदान में सम्मानित किया गया है. आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना में बेहतर काम करने और मरीजों को निशुल्क इलाज देने में आईजीएमसी अव्वल आया है, इसलिए सीएम जयराम ठाकुर और राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रमाण पत्र देकर आईजीएमसी को सम्मनित किया है.

कोरोना काल में प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में जहां सिर्फ कोविड ओपीडी चल रही थी. वहीं आईजी एमसी एक ऐसा अस्पताल था, जहां कोविड के साथ-साथ दूसरे मरीजों को इलाज दिया जा रहा था. कोरोना काल में अस्पताल की सेवाएं बहुत की महत्वपूर्ण साबित हुई और अब तक अस्पताल में कोरोना से मरने वालो की मौत दर भी कमी आ रही है.

प्रदेश में साल 2018 के सितम्बर में शुरू हुई आयुष्मान भारत योजना के बाद 21 जनवरी 2021 तक आईजीएमसी में 14 हजार 946 मरीजों को योजना के तहत फ्री इलाज दे चुका है. साल 2018 में योजना के शुरूआत में 730 मरीजों को इलाज दिया गया, जिसमें 98 लाख 88 हजार 100 रुपये खर्च किए गए. इसी तरह साल 2019 में 8 हजार 126 मरीजों का इलाज हुआ, जिसमें 11 करोड़ 40 लाख 46 हजार 293 रुपये की राशि खर्च की गई. साल 2020 में 5 में हजार 915 मरीजों का इलाज किया गया, जिसमें 11 करोड़ 6 लाख 79 हजार 504 रुपये की राशि खर्च की गई. वहीं साल 2021 में 21 जनवरी तक 175 मरीजों का इलाज किया गया, जिसमें 18 लाख 99 हजार 60 रुपये की राशि खर्च की गई है.

IGMC के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि आईजीएमसी को मिले इस सम्मान का श्रेय मैं अस्पताल के प्रथम से लेकर चतुर्थ श्रेणी, सुरक्षा कर्मी और सफाईकर्मी सहित प्रत्येक उस कर्मचारी को देता हूं, जिन्होंने इस संकट के समय पूरी ईमानदारी व समर्पण भाव से मरीजों की सेवा की।

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