80 बेसहारा बच्चों के पालन के लिए हर महीने दिए जा रहे हैं ढाई हजार रुपये

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उपायुक्त देवाश्वेता बनिक ने बताया कि अनाथ या अन्य बेसहारा बच्चों के सही पालन-पोषण तथा उन्हें पारिवारिक माहौल उपलब्ध करवाने के लिए बाल-बालिका सुरक्षा योजना के तहत हर माह ढाई हजार रुपये की धनराशि दी जाती है। इसमें से 2000 रुपये इन बच्चों का पालन कर रहे रिश्तेदारों या अभिभावकों को दिए जाते हैं, जबकि शेष 500 रुपये की एफडीआर हर माह इन बच्चों के नाम की जाती है। मंगलवार को जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए देवाश्वेता बनिक ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि बाल-बालिका सुरक्षा योजना के तहत हमीरपुर जिला के 80 बेसहारा बच्चों एवं इनके अभिभावकों को हर माह ढाई हजार रुपये की धनराशि दी जा रही है। उपायुक्त ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य अनाथ तथा असहाय बाल-बालिकाओं को जि़ला बाल संरक्षण अधिकारी की निगऱानी में पालन के लिए किसी संपन्न पारिवारिक वातावरण में रखना है ताकि उन्हें बाल-बालिका आश्रमों में प्रवेश के लिए बाध्य न होना पड़े। उपायुक्त ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों और जिला बाल संरक्षण समिति के अन्य सदस्यों से इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने की अपील की, ताकि इसका लाभ सभी बेसहारा बच्चों तक पहुंच सके।

उपायुक्त ने बताया कि सुजानपुर में संचालित किए जा रहे हमीरपुर जिले के एकमात्र बाल आश्रम में 13 बच्चे रखे गए हैं और इन्हें किशोर न्याय अधिनियम के तहत सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को बाल आश्रम का नियमित रूप से निरीक्षण करने तथा वहां आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाने के निर्देश दिए। बाल अपराध से संबंधित लंबित पड़े मामलों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने इन मामलों के जल्द निपटारे के लिए संबंधित अधिकारियों को त्वरित कदम उठाने को कहा। बैठक में जिला बाल संरक्षण समिति से संबंधित अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।

इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी तिलक राज आचार्य ने विभिन्न मुद्दों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। बैठक में जिला न्यायवादी कपिल देव शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी एचसी शर्मा, जिला कल्याण अधिकारी संजीव शर्मा, अन्य अधिकारी तथा समिति के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।

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