शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड तकनीकी कर्मचारी संघ का प्रतिनिधि मंडल प्रदेशाध्यक्ष दुनीचंद ठाकुर की अद्यक्षता में माननीय विद्युत मंत्री सुख राम चौधरी से सचिवालय शिमला में मिला ।प्रतिनिधि मंडल ने माननीय मंत्री जी को विद्युत बोर्ड का प्रस्तावित निजीकरण (विद्युत विधयेक-2021) से होने वाले दूषित परिणामो को अवगत करवाया।प्रदेशाध्यक्ष ने विद्युत तकनीकी कर्मचारी संघ से सम्बंधित मांगो को शीघ्र पूरा करने की भी मांग की है।
ऊर्जा मंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि विद्युत परिषद वर्तमान की भांति इसी स्वरूप में कार्य करता रहेगा तथा विद्युत तकनीकी कर्मचारी संघ ऊर्जा मंत्री की अगुवाई में शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिल कर विद्युत विधेयक-2021 के दुष्परिणामों के बारे में विस्तृत चर्चा करेंगे जिसके लागू होने से जहां एक तरफ उपभोक्ताओं को महंगी बिजली मिलेगी वहीं दूसरी ओर निजी यूटिलिटी , समाजिक जिम्मेदारी को मुँह मोड़ेगी ,परिणाम स्वरूप दूर बसने वाले उपभोक्ता को बिजली सुविधा से महरूम होंगे।इसके साथ-2 कर्मचारियों व पेंशन भोगताओं की सेवा शर्त भी प्रभावित होगी।
प्रतिनिधि मंडल ने ऊर्जा मंत्री से बोर्ड प्रबंधक वर्ग के द्वारा पिछले 18 महीनों से सर्विस कमेटी की बैठक न होने पर रोष व्यक्त किया तथा यह भी उनके ध्यान में लाया गया कि प्रदेश भर में तकनीकी कर्मचारियों की भारी कमी के बाबजूद हजारों तकनीकी कर्मचारियों को कार्यालयों में बिठाया गया है जिससे भारी बर्फबारी के दौरान विद्युत सप्लाई आपूर्ति को बहाल करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
इसके पश्चात तकनीकी कर्मचारी संघ का शीर्ष नेतृत्व बोर्ड के प्रबंध निदेशक आर०के०शर्मा जी को बोर्ड मुख्यालय में मिला ।संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रबंध निदेशक को अवगत करवाया कि पिछली दो मीटिंग में मानी गयी मांगो पर कोई भी आर्डर नहीं होने पर तकनीकी कर्मचारी रोष में है व यदि इन मांगो के आदेश 15 दिनों में जारी नहीं होते तो तकनीकी कर्मचारी संघ आंदोलन राह में उतर जाएगा जिसकी जिम्मेदारी बोर्ड प्रबंधक वर्ग की होगी।
ठाकुर ने कहा कि जान बूझ कर सर्विस कमेटी की बैठक को पिछले कई महीनों से रोका जा रहा है क्योंकि इसमें तकनीकी कर्मचारियों से सम्बंधित मुद्दे लगे है उन्होंने प्रबन्ध निदेशक से मांग की है कि जल्द से जल्द इस बैठक को आयोजित किया जाए।