करसोग। करसोग उपमंडल में साहज पंचायत के तहत अति दुर्गम क्षेत्र बिगण में लोग बरसात के दिनों में बच्चों को पीठ में उठाकर खड्ड क्रॉस कर रहे हैं। यहां दो पंचायत शोझा और साहज के बीच बहने वाली बिगण खड्ड में आजादी के सात दशक बाद भी पुल का निर्माण नहीं हुआ है, जबकि इस बीच प्रवेश में कई सरकारें आई और गई। ऐसे में लोग जान जोखिम में डालकर खड्ड पार करने को मजबूर है। बरसात के दिनों में जब खड्ड अपना रौद्र रूप दिखाती है तो लोग घरों से बाहर नहीं निकल पाते हैं। इस तरह भारी बारिश में बच्चों का स्कूल पहुंचना भी मुश्किल होता है। हालांकि स्थानीय जनता कई बार विभिन्न मंचों के माध्यम से इस मामले को पीडब्ल्यूडी से उठा चुकी हैं, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला गया। ऐसे में विभाग की लापरवाही से निराश लोगों ने इसी साल मई में मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन के 1100 नंबर में भी शिकायत की थी, लेकिन स्थिति वही ढाक के तीन पात ही है। उपमंडल के बिगण सहित आसपास के क्षेत्रों से लोग तत्तापानी सहित अन्य क्षेत्रों में कामकाज के सिलसिले में बिगण खड्ड क्रॉस करके भलाण बस पकड़ने पहुंचते हैं। यही नहीं इन क्षेत्रों में दस से अधिक बच्चे पढ़ने भी राजकीय उच्च पाठशाला भलाण आते हैं। इसके अतिरिक्त कॉलेज के छात्रो और मरीजों को भी अस्पताल पहुंचने के लिए जूते हाथ मे उठाकर खड्ड पार करनी पड़ती है। ऐसे में लोगों को खड्ड से गुजरते वक्त हमेशा अनहोनी का अंदेशा सताता रहता है, लेकिन हैरानी की बात है कि लोगों को रोजाना पेश आ रही इतनी परेशानियों के बाद भी पीडब्ल्यूडी की नींद नहीं टूट रही है।
स्थानीय निवासी योगराज शर्मा का कहना है कि पुल न होने से बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस मामले को कई बार विभाग से उठाया जा चुका है। उनका कहना है कि क्षेत्र में स्कूल आने जाने वाले बच्चे और बुजुर्ग है। इसलिए अगर पुल लग जाये तो वो भी काफी है। बाकी लोग सड़क के बिना पैदल भी चल लेंगे।
पीडब्ल्यूडी सब डिवीजन कांगू के कनिष्ठ अभियंता संतोष कुमार का कहना है कि पुल निर्माण को लेकर अप्रैल 2019 में साइट विजिट की गई थी। इस दौरान पुल लगने के लिए 3 जगह देखी गई थी, लेकिन जहां पर 30 से 32 मीटर के स्पेन पर पुल की संभावना को देखते हुए साइट फाइनल की गई थी। इसको लेकर लोगों में आपसी सहमति नहीं बन रही है। उन्होंने कहा कि अगर सहमति बनती है तो एस्टीमेट तैयार कर जल्द पुल का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।