करसोग। करसोग में हिमाचल पथ परिवहन निगम की लापरवाही एक बार फिर लोगों पर भारी पड़ गई है। मामला ये है कि परिवहन निगम में बिना सोचे विचारे ही शिमला से धारकांडलु बस को रैली में भेज दिया। शिमला से हर रोज दोपहर बाद 2.10 पर भेजी जाने वाली ये एक मात्र ऐसी बस है, जो अकेले चार पंचायतों में लोगों के लिए परिवहन सुविधा का एकमात्र साधन है। ये बस धार्मिक पर्यटन स्थल तत्तापानी के बाद माहोटा से वाया जस्सल और फिर नाग ककनो होकर रात को करीब 9 बजे धारकांडलु पहुंचती है। इस बस सुविधा का लाभ कांडी सपनोट,, मैहरन, सांवीधार व साहज चार पंचायतों की जनता उठाती है। इस पंचायतों के लिए यही केवल एक मात्र बस सेवा है। इसके अतिरिक्त इस रूट पर शिमला के लिए कोई भी बस सुविधा नही है। किसी दिन अगर बस नहीं भेजी जाती है, तो चार पंचायतों के लोगों के पास टेक्सी करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। हैरानी की बात है कि निगम प्रबंधन ने बस को रैली में भेजे जाने से पहले चार पंचायतों की जनता की सुविधा भी ध्यान नहीं रखा। लोगों का कहना है कि अच्छा होता कि इसकी जगह किसी ऐसे रूट से बस भेजी जाती है, जहां दिन में बसों के कई रूट हैं। बता दें कि शिमला ग्रामीण डिपो के तहत धारकांडलु के लिए बस को 19 अगस्त को शिमला से नहीं भेजा गया। इसके बाद शनिवार को बस नहीं भेजी गई। अब दो सालों से रविवार के दिन ऐसे ही बस सेवा बंद है। इस तरह लोगों को लगातार तीन दिन भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इन चार पंचायतों में पांच हजार से अधिक की आबादी है।
शिमला ग्रामीण बस डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक अंकुर वर्मा का कहना है कि रैली के लिए 40 बसें भेजी गई हैं। कुछ बसें भूस्खलन की वजह से रास्ते में फंस गई हैं। इस कारण बसों की कमी है। जिस वजह से शिमला से धारकांडलु बस नहीं भेजी गई।