करसोग। ग्राम पंचायत बलिंडी के गांव कोट में प्राकृतिक खेती के ऊपर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया । जिसमें किसानों को प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना के अंतर्गत प्रयोग होने वाले घटक जीवामृत घन जीवामृत बीजामृत दशपर्णी अर्क, खट्टी लस्सी आदि के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान कृषि विभाग से आए तकनीकी प्रबंधक सहित मास्टर ट्रेनर ने किसानों को घोल तैयार करने की विधि बताई।
दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में खंड तकनीकी प्रबंधक बंटी कुमार सहायक तकनीकी प्रबंधक सौरभ एवं हितेंद्र कुमार और मास्टर ट्रेनर भीम सिंह ने लोगों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने किसानों को जानकारी दी कि जीवामृत, घनजीवामृत व बीजामृत आदि के छिड़काव करने से लगातार बढ़ रही कृषि लागत को कम किया किया जा सकता है। इस विधि से तैयार किए गए घोल के छिड़काव करने से कृषि उत्पादन दोगुना होने के साथ रसायनिक खेती की तुलना में लागत भी बहुत कम आएगी। यही नहीं सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इससे खेतों में उर्वरता क्षमता भी बढ़ेगी।