शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिल्पकारों व हस्तकारों को प्रशिक्षण व बाजार उपलब्ध न होने के कारण दिक्कतें पेश आ रही हैंं। प्रशिक्षण व बाजार न होने के कारण शिल्पकारों व हस्तकारों का हुनर यूं ही बेकार हो रहा है है। यह बात प्रगतिशील विश्वकर्मा कल्याण सभा के प्रदेशाध्यक्ष उदय डोगरा ने शिमला में एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहि उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि हिमाचल प्रदेश के शिल्पकारों व हस्तकारों के लिए मार्कैट की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। ताकि इन शिल्पकारों का हुनर बर्बाद न हो। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के शिल्पकारों के लिए सरकार कच्चा माल भी उपलब्ध करवाए और उन्हें आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण भी प्रदान करे। जिससे प्रदेश के सैंकड़ो शिल्पकारों को रोजगार मिल सके और प्रदेश शिल्पपकारी व हस्तकारी को विलुप्त होने से भी बचाया जा सके। उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि प्रदेश के सभी जिलों में इन शिल्पकारों के लिए ट्रैनिंग कम सेल सेंटर बनाया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार की ओर से वैसे तो कई योजनाएं तैयार की गई हैं, लेकिन इन योजनाओं का लाभ सही मायनों में सही आदमियों तक नहीं पहुंच रहा है। विभाग की ओर से जो गाइडलाइनस तैयार की गई है। उन गाइडलाइन का विभाग के अधिकारियों को भी पता नहीं है। उन्होंने मांग उठाई है कि इन गाइडलाइन को तैयार करते समय शिल्पकारों के सुझाव भी लिए जाए, ताकि सही मायनों में उन्हें लाभ मिल सके। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सभा की ओर से शिमला के रूलदू भट्टा में एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया है। यह प्रदर्शनी 14 अक्तूबर तक चलेगी। इस प्रदर्शनी में प्रदेश के शिल्पकारों व हस्तकारों के उत्पादों को प्रदर्शित किया जा रहा है। उपभोक्ता शिमला के रूलदू भट्टा में इस प्रदर्शनी में आकर भाग ले सकते हैं।