करसोग। हिमाचल में विधानसभा के लिए 12 नवंबर को मतदान होगा। ऐसे में भाजपा भी अब विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों का ऐलान करने वाली है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी के राजनीतिक परिदृश्य पर नजर दौड़ाएं तो आंकड़ों के लिहाज से करसोग विधानसभा क्षेत्र से हीरालाल की दावेदारी काफी मजबूत लग रही है। विधायक हीरालाल इस बार भी विधानसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदारी जताई है। आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान पंचायतीराज संस्थाओं और मंडी संसदीय क्षेत्र के लिए हुए लोक सभा उप चुनाव में हीरालाल का रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है। जनवरी 2021 में हुए पंचायतीराज चुनाव की बात करें तो विधायक हीरालाल करसोग विधानसभा क्षेत्र के तहत चार जिला परिषद वार्डों में से तीन जिला परिषद वार्ड भाजपा की झोली में डालने में कामयाब रहे थे। इसी तरह से सभी 24 पंचायत समिति वार्डों में भाजपा समर्थित उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल रहे थे। इसी तरह से 62 पंचायतों में 85 फीसदी से अधिक भाजपा समर्थित प्रधान और उप प्रधान चुनाव जीते थे। जिसका श्रेय विधायक हीरालाल को जाता है। वहीं वर्ष 2021 में मंडी संसदीय क्षेत्र के लिए हुए लोक सभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह अपने निकटम प्रतिद्वंदी भाजपा उम्मीदवार कुशाल सिंह से 7,490 मतों के अंतर से चुनाव जीती थीं, लेकिन इस उप चुनाव में करसोग से भाजपा उम्मीदवार को करीब 1500 मतों की लीड मिली थी। इस लिहाज से पिछले सभी आंकड़े हीरालाल के पक्ष में दिख रहे हैं। जो वर्तमान विधायक की दावेदारी को और मजबूत बना रहे हैं।, लेकिन भाजपा से युवा नेता युवराज कपूर, दीपराज भंथल, अमीचंद व जयकुमार भी इस बार टिकट के लिए हीरालाल को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
रिकॉर्ड 22102 वोट पड़े थे हीरालाल को:
प्रदेश में वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में करसोग विधानसभा के आंकड़े पर गौर करें तो विधायक हीरालाल की दावेदारी यहां भी मजबूत नजर आ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने हीरालाल को टिकट देकर चुनावी रण में उतारा था, वहीं कांग्रेस ने पूर्व मंत्री मनसा राम पर भरोसा जताया। जिसमें हीरालाल ने रिकॉर्ड 22,102 मत हासिल कर अपने निकटम प्रतिद्वंदी मनसाराम को 4,830 मतों के अंतर से हराया था। करसोग से हीरालाल तीन विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव 2007 में आजाद प्रत्याशी के तौर पर लडा था और 19,609 वोट लेकर अपने निकटम प्रतिद्वंदी भाजपा उम्मीदवार मनसाराम को 5,527 मतों के अंतर से पराजित किया । इसके बाद वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में हीरालाल ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लडा और भाजपा को छोड़कर कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे अपने निकटम प्रतिद्वंदी मनसाराम से 4,332 मतों के अंतर से चुनाव हार गए थे। लेकिन वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव जीतकर हीरालाल ने अपनी हार का बदला लिया।