शिमला। सांस्कृतिक भूगोल की सक्रिय शोधकर्ता डॉ सरिता वर्मा ने ट्रांसगिरी क्षेत्र की लोक संस्कृति पे शोध कर पीएचडी की डिग्री हासिल की है व \”Folk Geography of Trans Giri Region in Himachal Pradesh\” किताब लिखी है।
सांस्कृतिक भूगोल के क्षेत्र में सक्रिय शोधकर्ता तहसील शिलाई जिला सिरमौर की बेटी डॉ सरिता वर्मा ने स्कूली शिक्षा शिलाई से तथा स्नातक नाहन कॉलेज से,एमफिल व पीएचडी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से की तथा भूगोल विषय मे राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा भी पास की है। डॉ सरिता वर्मा के अंतराष्ट्रीय स्तर पर तीन और राष्ट्रीय स्तर पर दो रिसर्च पेपर(यूजीसी सूचीबद्ध) प्रकाशित हो चुके है कुछ प्रकाशन के अधीन है तथा कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सम्मेलनों में अपना शोध कार्य प्रस्तुत किया है। द इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन कलकत्ता और ज्योग्राफिकल सोसाइटी ऑफ हिमाचल प्रदेश की आजीवन सदस्या भी हैं।
डॉ सरिता वर्मा का बचपन से ही लोक संस्कृति ,पारंपरिक पोशाक, पारंपरिक भोजन ,आभूषण, लोकगीत, त्योहार के प्रति लगाव रहा है। डॉ वर्मा का कहना है कि कला संस्कृति को संजोय रखना नैतिक कर्तव्य है अन्यथा आधुनिकरण के युग मे आने वाली पीढियां लोक संस्कृति से अपरिचित रहेगी। डॉ सरिता वर्मा द्वारा लिखी किताब \”Folk Geography of Trans Giri Region in Himachal Pradesh\” लोक संस्कृति को जानने व प्रतियोगी परीक्षाओं तैयारी कर रहे छात्रों के लिए उपयोगी व मददगार सिद्ध होगी। डॉ सरिता वर्मा अपनी सफलता का श्रेय अपने गाइड डॉ अनुराग शर्मा व डॉ ओम प्रकाश शर्मा ,डॉ कर्म सिंह व प्रो. देवदत्त शर्मा को देती ।