करसोग। जिला मंडी के तहत करसोग नगर पंचायत ने सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं को लेकर सख्ती दिखाई है। इस बारे में पशु पालन विभाग को आवारा पशुओं की पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि पशुओं को बेसहारा छोड़ने वालों के खिलाफ केस दर्ज किया जा सके। इस बारे में प्रशासन को भी लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही है। जिस पर अब नगर पंचायत ने कड़ा संज्ञान लिया है।
सैंकड़ों की संख्या में घूम रहे हैं बेसहारा पशु:
करसोग नगर पंचायत परिधि में सैंकड़ों की संख्या में पशुओं को बेसहारा छोड़ा गया हैं। यहां विभिन्न स्थानों में झुंडों में आवारा पशु घूम रहे हैं। जिस कारण कई बार पशु दुर्घटना के भी शिकार हो रहे हैं। यही नहीं आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या की वजह से लोगों का भी सड़कों को चलना मुश्किल हो रहा हैं। खासकर महिलाओं व बच्चों का सड़क पर अकेले चलना मुश्किल हो गया है। इस बारे में कई बार लोग प्रशासन से भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अभी तक समस्या का कोई भी समाधान नहीं हुआ है।
गाड़ी से टकराने पर घायल हो चुके हैं कई पशु:
करसोग में सड़कों पर घूम रहे आवारा पशु कई बार गाड़ियों की चपेट में आने की वजह से घायल हो चुके हैं। ऐसे में उपचार न मिलने के कारण पशुओं की सड़क के किनारे ही मौत होती है। लेकिन इतना होने पर भी आवारा पशुओं की सुध नहीं ली जा रही है। लोग खुलेआम दूध न देने वाले पशुओं को सड़क पर बेसहारा छोड़ देते हैं। रात के समय आवारा पशु खेतों में घुस कर फसलों को भी बर्बाद कर रहे हैं। जिससे किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में लोग फसलों को बचाने के लिए पशुओं की डंडे से पीट रहे हैं। जिससे बेजुबान पशुओं पर भी अत्याचार हो रहा है। जिसको देखते हुए नगर पंचायत ने अब सख्ती बरतने का निर्णय लिया है।
औपचारिकता बनकर रह गई टैगिंग:
करसोग में पशु पालन विभाग ने अधिकतर पशुओं की टैगिंग कर ली है। जिसमें विभाग के लाखों रुपए खर्च हुए हैं, लेकिन लोग टैग को कटकर पशुओं को सड़कों पर बेसहारा छोड़ रहे हैं। जिससे विभाग ने पशुओं की पहचान करने में हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में पशुओं की टैगिंग करना मात्र औपचारिकता बनकर रह गई है। जिससे सरकारी खजाने की भी चपत लगी है।
नगर पंचायत की अध्यक्ष सविता गुप्ता का कहना है कि पशुओं को बेसहारा छोड़ने वालों पर अब केस दर्ज किया जाएगा इसके लिए पशु पालन विभाग को भी आवारा पशुओं को पहचान करने के निर्देश जारी किए गए हैं।