करसोग में तेंदुए का खौफ, डुमणो, दडेली और अल्याड़ में दिन में घूम रहा तेंदुआ, दहशत में लोग

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करसोग। जिला मंडी के करसोग में तेंदुए का खौफ जारी जारी है। यहां उपतहसील बगशाड़ के तहत पड़ने वाले गांव डुमणों,अल्याड, दडेली व नगाल्ठा गांव में दिन में तेंदुआ घूमने हुए देखा जा रहा है। यहां तक की मवेशियों की ताक में तेंदुआ लोगों के आंगन तक पहुंच रहा है। जिससे ग्रामीण दहशत में है। बच्चों को दिन के समय भी अकेले घर से बाहर भेजना मुश्किल हो गया है। ऐसे में ग्रामीणों ने वन विभाग से तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाए जाने की मांग की है। ताकि लोग बिना डर घरों से बाहर निकल सके।

नरपत राम के मवेशियों पर हमला:

तेंदुए के खौफ से ग्रामीणों को अब मवेशियों को साथ लगते जंगलों और खेतों में भी नहीं ले जा पा रहे हैं। यहां पिछले दिनों भी तेंदुए ने डुमणो गांव में नरपत राम के मवेशियों पर हमला बोला दिया। गनीमत रही की शोर मचाने की वजह से तेदुआ भाग गया। इसी तरह 29 मई को डुमणो में ही एक व्यक्ति के आंगन में पहुंच गया। ऐसे में लोगों को अब अंधेरा होने के बाद बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। यही नहीं दिन में भी बच्चों और महिलाओं को बाहर निकलते वक्त तेंदुए का डर सताता रहता है। ऐसे में चार गांव सहित आसपास के क्षेत्रों के लोग तेंदुए के आतंक से परेशान हैं।

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ग्रामीणों ने की पिंजरा लगाने की मांग:

ग्रामीणों ने तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग से पिंजरा लगाए जाने की मांग की हैं। स्थानीय निवासी आचार्य कृष्ण लाल शर्मा, तोताराम, पुकार सिंह, सोम कृष्ण व कामेश्वर शर्मा का कहना है कि गांव में पिछले कई दिनों से तेंदुए का ख़ौफ बना हुआ है। दिन दहाड़े ही गांव में घूम रहा है। उनका कहना है कि तेंदुए के डर से लोग जंगलों से घास व पत्तियां लेने भी नहीं जा रहे हैं। इसी तरह से मवेशियों को भी बाहर निकालना खतरे से खाली नहीं है। उन्होंने वन विभाग से डुमणों गांव के आस-पास पिंजरा लगाने की मांग की है, ताकि तेंदुआ पकड़ में आ सके।

डीएफओ कृष्ण बाग नेगी का कहना है कि मामला ध्यान में आया है। इस बारे में तुरंत प्रभाव से संबंधित बीट के अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं।

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