शिमला। माननीय केंद्रीय विद्युत मंत्री आर.के. सिंह एवं अरुणाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री, पेमा खांडू की गरिमामयी उपस्थिति में राज्य में 5097 मेगावाट की पांच जल विद्युत परियोजनाओं के निष्पादनार्थ एसजेवीएन तथा अरुणाचल प्रदेश सरकार के मध्य एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए गए।
नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन तथा अंकुर गर्ग, कमीश्नर (हाईड्रो पावर), अरुणाचल प्रदेश सरकार ने आज ईटानगर में एमओए पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री, चाउना मीन, केंद्रीय विद्युत सचिव, पंकज अग्रवाल, एडिशनल केंद्रीय विद्युत सचिव, अजय तिवारी, निदेशक (वित्त), एसजेवीएन, ए.के. सिंह तथा राज्य सरकार, एसजेवीएन और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
नन्द लाल शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन को रन-ऑफ-द रिवर योजना की नामत: 3097 मेगावाट एटालिन, 680 मेगावाट अटुनली, 500 मेगावाट एमिनी, 420 मेगावाट अमुलिन और 400 मेगावाट मिहुमडन जलविद्युत परियोजनाएं आबंटित की गई हैं। उन्होंने बताया कि 3097 मेगावाट की एटलिन जलविद्युत परियोजना भारत में निष्पादनाधीन सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना है। पहले ये सभी परियोजनाएं प्राइवेट डेवलपर्स को आबंटित की गई थी। अरुणाचल प्रदेश सरकार ने इन परियोजनाओं को एसजेवीएन को पुनः आबंटित कर दिया है, क्योंकि प्राईवेट डेवलपर्स इन परियोजनाओं को निष्पादित करने में असमर्थ रहे।
नन्द लाल शर्मा ने एसजेवीएन में विश्वास जताने के लिए विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार तथा अरुणाचल प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि कंपनी इन परियोजनाओं को तय समय सीमा के भीतर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
नन्द लाल शर्मा ने कहा कि इन परियोजनाओं के निर्माण में लगभग 50,000 करोड़ रुपए का कुल निवेश होगा और इससे देश की जलविद्युत क्षमता में सालाना 20,652 मिलियन यूनिट से अधिक की क्षमतागत वृद्धि होगी। परियोजना की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि सीईए द्वारा एटालिन और अटुनली परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को पहले ही मंजूरी प्रदान कर दी गई है। हालाँकि, सीईए से डीपीआर की रिवैलीडेशन, एमओए पर हस्ताक्षर के साथ ही तत्काल शुरू कर दिया जाएगा। एमिनी, अमुलिन और मिहुमडन परियोजनाओं के लिए, पूर्व-व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और इस ऐतिहासिक एमओए पर हस्ताक्षर के साथ डीपीआर तैयार करने के लिए सर्वेक्षण और अन्वेषण कार्य शीघ्र ही आरंभ हो जाएंगे।
परियोजनाओं के पूर्ण होने पर अरुणाचल प्रदेश राज्य में बुनियादी ढांचे जैसे मार्गों एवं पुलों, सामुदायिक परिसंपत्तियों, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं, महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास तथा शिक्षा, रोजगार के बहुआयामी अवसर, सततशील विकास के साथ-साथ परियोजना से जुड़े परिवारों के लिए अतिरिक्त लाभ आदि को मजबूत करके राज्य में समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के युग की शुरुआत होगी।