शिमला की गौतमी दक्षिण एशिया महिला उद्यमी कार्यशाला में हिस्सा लेंगी

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शिमला। संयुक्त राष्ट्र कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट द्वारा दक्षिण एशिया की युवा महिला डिजिटल उद्यमियों के ‘मास्टरक्लास’ नामक सम्मेलन में भाग लेने के लिए शिमला की युवा सामाजिक उद्यमी गौतमी श्रीवास्तव का चयन हुआ है। भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और श्रीलंका आदि देशों की कुल 25 युवा उद्यमी ‘मास्टरक्लास’ नामक इस चार दिवसीय प्रतिष्ठित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी। सम्मेलन दिल्ली में 2 से 5 दिसंबर तक होगा।

दक्षिण एशिया में महिला नेतृत्व वाले डिजिटल बिजनेस में अवसरों का विस्तार पर हो रहे संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के अपनी तरह के इस पहले कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ युवा उद्यमियों के साथ डिजिटल बिजनेस की नई तकनीक और बारीकियां साझा करेंगे।

इंग्लैंड की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ़ ससैक्स से डेवलपमेंट स्टडीज में मास्टर्स करने के बाद गौतमी श्रीवास्तव का चयन दिल्ली में नीति आयोग में हुआ था। लेकिन उन्होंने एक साल बाद नीति आयोग की नौकरी छोड़कर शिमला में वर्ष 2020 में पति सिद्धार्थ लखनपाल के साथ बुरांश नाम से सोशल एंटरप्राइज शुरू किया। उनका उद्देश्य हिमालय क्षेत्र के ग्रामीण समुदायों, विशेष कर महिलाओं का सशक्तिकरण करके उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है।

बुरांश हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर के कृषक उत्पादक संगठनों, महिला संगठनों और स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को विश्व स्तरीय ब्रांडिंग और पैकेजिंग करके अपनी वेबसाइट और अमेजॉन आदि के माध्यम से बेचता है। गौतमी और सिद्धार्थ लखनपाल ग्रामीण समुदायों के बिजनेस को डिजिटल मार्केटिंग के जरिए विस्तार देने के लिए उनका प्रशिक्षण भी करते हैं।

वे प्रदेश के कृषि विभाग और नाबार्ड के साथ भी काम करते हैं। इसमें किसानों के लिए ब्रांड का नाम, लोगो, ब्रांडिंग गाइडलाइंस, पैकेजिंग डिजाइन और उत्पादों के लेबल्स आदि का कार्य शामिल है। उनसे प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अनेक स्वयं सहायता समूह नई विकसित की गई पैकेजिंग अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेचने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

युवा उद्यमी दंपति के अनुसार उन्होंने अभी तक ढाई सौ से ज्यादा किसानों को कम लागत वाली फोटोग्राफी, निशुल्क गूगल टूल्स के प्रयोग और इंस्टाग्राम तथा फेसबुक के माध्यम से तथा अमेजॉन पर अपने उत्पादों को बेचने के तरीके सिखाए हैं।

पिछले दो वर्षों में गौतमी श्रीवास्तव और सिद्धार्थ लखनपाल ने नाबार्ड, कृषि विभाग, हस्तशिल्प एवं हैंडलूम निगम तथा कृषि सहकारी स्टाफ ट्रेनिंग संस्थान के माध्यम से गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चंबा, कुल्लू, शिमला, मंडी और कांगड़ा के स्थानीय एनजीओ भागीदारों के साथ मिलकर संपन्न किए गए। इनके माध्यम से ग्रामीण समुदायों को डिजिटल कॉमर्स की बारीकियां सिखाई गईं। अब बुरांश के नेटवर्क में 18 स्वयं सहायता समूह एवं कृषक संगठन शामिल हैं जबकि वर्ष 2020 में दो स्वयं सहायता समूह के साथ मिलकर कार्य शुरू किया गया था।

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