हिमाचल में चिट्टे का कहर: तीन साल में पकड़े 62 किलो, ब्राउन शुगर- स्मैक का नशा घटा

Share

हिमाचल प्रदेश में नशे की दुनिया में बड़ा बदलाव आया है। राज्य की युवा पीढ़ी अब चिट्टे (फैंटानिल) के जाल में फंसती जा रही है। पिछले सालों में सरकारें बदलती रहीं, पुलिस नशा निवारण के अभियान चलाती रही, लेकिन परिणाम बताते हैं कि ब्राउन शुगर और स्मैक लगभग प्रदेश से खत्म हो गए हैं, जबकि चिट्टे ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

साढ़े तीन सालों में 62 किलो चिट्टा जब्त

  • वर्ष 2015 में चिट्टे की जब्ती मात्र 387.943 ग्राम थी।
  • साल 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 14,907 ग्राम तक पहुंच गया।
  • 2021-2025 तक कुल 62 किलो चिट्टा पकड़ा गया।
  • चिट्टे की हिस्सेदारी कुल नशे की जब्ती में 93% से अधिक रही।

ब्राउन शुगर और स्मैक का नशा घटा

  • ब्राउन शुगर: 2015 में 157.55 ग्राम, 2018 में 315.291 ग्राम तक बढ़ा, और 2025 में घटकर केवल 2.07 ग्राम रह गया।
  • स्मैक: 2015 में 157.550 ग्राम से घटकर अब केवल 2.07 ग्राम तक रह गया।
  • कुल 2015-2025 तक नशे की जब्ती:
    • हेरोइन: 88.016 किलो
    • स्मैक: 1.394 किलो
    • ब्राउन शुगर: 4.597 किलो

पंजाब से बढ़ रही तस्करी

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय और पड़ोसी राज्यों से चिट्टे की तस्करी में बढ़ोतरी हो रही है। पंजाब से आने वाला चिट्टा हिमाचल के बाजार में आसानी से फैल रहा है।

सरकार और पुलिस की तैयारी

  • डीजीपी अशोक तिवारी ने सोशल मीडिया के जरिए युवाओं से बिना वर्दी के नशे के खिलाफ अभियान में शामिल होने की अपील की।
  • मुख्यमंत्री ने चिट्टे के खिलाफ सख्त कानून बनाने का निर्देश दिया।

नशे के बदलते ट्रेंड के आंकड़े

  • 2017 में 4,496 ग्राम की बड़ी जब्ती हुई, लेकिन अन्य वर्षों में यह आंकड़ा बहुत कम रहा।
  • कुल मिलाकर हिमाचल में चिट्टे का नशा तेजी से बढ़ा है, जबकि ब्राउन शुगर और स्मैक लगभग समाप्त हो गए हैं।

हिमाचल में अब चिट्टा सबसे बड़ा नशा बन गया है। युवा पीढ़ी के लिए यह गंभीर चेतावनी है। सरकार और पुलिस ने सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है, लेकिन जागरूकता और सहयोग ही इस लड़ाई की सबसे बड़ी ताकत साबित होगी।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *