नोफल संस्था शिमला में लगाएगी रोटी बनाने की मशीन

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शिमला। नोफल एक उम्मीद संस्था शिमला में रोटी बनाने की एक मशीन लगाएगी। इस मशीन की क्षमता एक घंटे में 1000 रोटी बनाने की होगी। शहर के किसी भी अस्पताल में यह मशीन संस्था द्वारा स्थापित की जाएगी। मशीन में बनने वाली रोटी न सिर्फ अस्पताल के मरीजों और तीमारदारों के लिए होगी बल्कि शहर में गरीब और जरूरत मंद लोगों को भी इसी मशीन में तैयार रोटी वितरित की जाएगी। इसके अलावा संस्था जिला में कहीं पर भी आपदा के समय इस मशीन का सहारा लेगी और रोटी तैयार कर प्रभावितों तक पहुंचाएगी। शिमला में सोमवार को पत्रकार वार्ता के दौरान संस्था के अध्यक्ष गुरमीत सिंह ने कहा कि 10 दिसंबर से पहले यह मशीन स्थापित की जाएगी। रिपन या आईजीएमसी में यह मशीन लगेगी। अस्पताल प्रबंधन से संस्था की बात चल रही है। उन्होंने बताया कि 1980 से पीजीआई में चल रही लंगर सेवा को आगे चलाया और प्रदेश के कोने कोने तक जरूरतमंदों को राशन पहुंचाया। लॉक डाउन से पहले तक मरीजों के साथ सभी त्योहार तक मनाए। मूलभूत सेवाएं भी शुरू की। जिसकी सराहना पूरे हिमाचल में हो रही है। महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए भी किया सहयोग शिमला में महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए भी नोफल संस्था द्वारा सहयोग किया गया। ऐसी महिलाएं जो सिलाई का काम जानती थी लेकिन मशीन के लिए पैसे नहीं थे उनके लिए महिला दिवस पर 21 चुनी गई महिलाओं को सिलाई मशीनें वितरित की गई। आगे भी महिलाओं को इस तरह से सहयोग किया जाएगा।2015 से अब तक 300 से अधिक शादियां करवा चुके हैं। कोरोना काल में रिज के घोड़ा संचालकों के लिए भी सहारा बनी संस्था रिज पर स्थित घोड़ा संचालक लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार हो गए थे। घोड़ों को चारे तक के पैसे इन घोड़ा संचालकों के पास नहीं थे। ऐसे में संस्था ने 17 घोड़े मालिक सहित उनके परिवार को गोद ले लिया। खाने से लेकर कपड़े तक का जिम्मा उठाया। घोड़ो के लिए चारे की व्यवस्था भी की।इसके अलावा आगजनी से बेघर हुए पीड़ित परिवारों को मकान बनाने में मदद कर रहे हैं।

 

शिमला जिला के कई क्षेत्रों में संस्था कर चुकी लोगों की मद

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नोफल संस्था द्वारा वर्ष 2015 से पहले पीडि़त परिवारों की सहायता करना शुरू किया था।  2015 में संस्था ने रोहडू जिला के तांगणु गांव में आगजनी की घटना से प्रभावित 65 परिवारों को राशन प्रदान किया था। वर्ष 2017 में जुब्बल गांव में आगजनी की घटना से प्रभावित पुजारली के लोगों की सहायता की। कोटीघाट के डकोलू, शिलोनबाग में पीडि़तो की सहायता की है। नोफल संस्था द्वारा कोविड़ 19 के मरीजों को लंगर दिया जा रहा है। इसके अलावा रिपन अस्पताल, आई.जी.एम.सी व पी.जी.आई में पिछले 5 सालों से फ्री में लंगर दिया जा रहा है।

बच्चों की पढाई का खर्च उठाएगा नोफल संस्था

आगजनी की घटना के बाद शिलोनबाग के गुलाब सिंह की सारी स पति जलकर राखा हो गई थी। जिसके कारण बच्चों की पढाई भी प्रभावित हो गई थी। ऐसे में नोफल संस्था ने पीडि़त परिवार के तीनों बच्चों की पढाई का पूरा खर्च उठाने का जि मा अपने कंधो पर लिया है। संस्था ने कहा कि जब तक बच्चें पढाई करना चाहते है तब तक सारा खर्चा संस्था द्वारा उठाया जाएगा।

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