शिमला। राजधानी शिमला शहर में लोगों को एक साथ में कई माह के बिल जारी नहीं होंगे। लोगों को हर माह पानी के बिल मिलेंगे। इसके लिए रोजाना बिल काटने का टारगेट भी फिक्स किया गया है। अभी तक शहर में एक साथ कई माह के बिल जारी किए जा रहे हैं। इससे लोगों पर पानी के बिलों का भारी बोझ पड़ रहा है। हालांकि एक साथ कई माह के बिल जारी होने के पीछे कोरोना महामारी कारण बताया जा रहा है।जिससे कि वार्डों में मीटरोें की रीडिंग नहीं हो पाई। मगर अब एसजेपीएनएल ने यह तय किया है कि शहर में सभी लोगों को हर माह बिल जारी किए जाएंगे। इसके लिए अधिकारियों की ओर से संबंधित ठेकेदार को निर्देश दिए गए हैं। शहर में पानी के भारी भरकम बिलों के आने की एक बड़ी वजह एक साथ कई माह के बिल जारी होना है। हाल ही में जो बिल जारी किए गए थे वे नौ माह के थे।
इससे कम पानी इस्तेमाल करने वालों के बिल भी पहुंच गए। पानी के बिलों का यह मामला नगर निगम के हाउस में भी उठ चुका है। पार्षद भारी बिल जारी करने को लेकर रोष जता चुके हैं। यही नहीं एसजेपीएनएल के निदेशक मंडल की बैठक में भी यह मामला उठा था।इस बैठक में यह तय किया गया था कि किसी को भी तीन माह से ज्यादा बिल नहीं जारी नहीं होगे और व्यवस्था दुरुस्त होने पर हर माह बिल जारी किए जाएंगे। ऐसे में अब इन बिलों को मासिक आधार परा जारी किया जाने का फैसला लिया है।
रोजाना 1500 बिल काटेंगे कर्मचारी
एसजेपीएनएल ने शहर में मीटरों की रीडिंग और इनको जारी करने का काम निजी हाथों में सौंपा है। कंपनी की ओर से अब ठेकेदार के लिए रोजाना कम से कम 1500 बिल काटने का टारगेट फिक्स किया है। इसके लिए मीटरों की रीडिंग करनी होगी और इसके आधार ही बिल जारी करने होंगे। अगर रोजाना के टारगेट को पूरा नहीं किया जाता तो संबंधित ठेकेदार पर इसके लिए पैनल्टी भी लगाई जाएगी।
शहर में 19 हजार पानी के कनेक्शनों में लगे हैं मीटर
शिमला में करीब 19000 लोगों को मीटर रीडिंग पर बिल जारी किए जा रहे हैं, जबकि शहर में करीब 33 हजार पानी के कनेक्शन है। इस तरह करीब 14 हजार कनेक्शनों में या तो पानी के मीटर है ही नहीं या या ऐसी जगह हैं जहां इनको आसानी से देखा नहीं जा सकता। बताया जा रहा है कि कई लोगों ने मीटर खराब कर दिए हैं ताकि उनको पानी के बिल औसतन ही मिले।
अब इन कनेक्शनों के मीटरों को भी खोजा जा रहा है। इसके बाद इन सभी को पानी के खर्च के मुताबिक बिल जारी किए जाएंगे। इसके लिए विभिन्न वार्डों में पानी के कनेक्शनों को जांचा जा रहा है। इसके अलावा जिन मीटरों के बिल 10 हजार से ज्यादा है उनके बिलों को भी वैरिफाई किया जा रहा है।
कोरोनाकाल में जारी हुए थे कई महीने के बिल
एसजेपीएनएल के एजीएम गोपाल कृष्ण का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते एक साथ कई माह के बिल जारी करने पड़े। मगर अब पानी के बिल मासिक आधार पर जारी किए जाएंगे। इसके लिए बिल काटने का टारगेट भी फिक्स किया गया है। वहीं कर्मचारी उन मीटरों का भी पता लगा रहे हैं जो कि गायब है। इसके लिए विशेष मुहिम चलाई गई है।