शिमला। मंडी जिला में स्कूलों के शिक्षण और गैर शिक्षण स्टाफ के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। इसकी अधिसूचना डीसी मंडी ने सोमवार को जारी कर दी है। टेस्ट न करवाने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। सीएमओ डॉ. देवेंद्र शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि 10 दिनों में करीब 10 हजार शिक्षकों और गैर-शिक्षकों के कोरोना के टेस्ट मंडी में होंगे। इसके लिए 174 केंद्र बनाए गए हैं। 70 फीसदी आरटीपीसीआर और 30 फीसदी रेट के तहत टेस्ट होंगे। सोमवार को मंडी जिला में कोरोना संक्रमण के चार मामले आए हैं। वहीं दो दिनों बाद जिला को राहत मिलते हुए सोमवार को कोई अध्यापक कोरोना पॉजिटिव नहीं मिला है।
जिस तरह से तीन दिनों में सरकाघाट उपमंडल में 60 से अधिक अध्यापक व गैर शिक्षण कर्मचारी पॉजिटिव आए थे, उससे सरकार के साथ ही अभिभावक भी चिंता में डूबे हुए थे, लेकिन सोमवार को किसी भी अध्यापक की रिपोर्ट पॉजिटिव न आने से अभिभावकों ने राहत की सांस ली है। वहीं, प्रदेश में सोमवार को कोरोना वायरस के 18 नए मामले आए हैं। मंडी चार, कांगड़ा आठ, किन्नौर दो, शिमला दो, सिरमौर और ऊना में एक-एक नया मामला आया है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 57561 पहुंच गया है। सक्रिय मामले 378 रह गए हैं। प्रदेश में अब तक 56200 मरीज ठीक हो चुके हैं और 967 संक्रमितों की मौत हुई है। सोमवार को कोरोना से किसी पॉजिटिव मरीज की मौत नहीं हुई है जोकि राहत की खबर है।
एक घंटे के लिए स्कूलों में भी सेवाएं देंगे स्वास्थ्य कार्यकर्ता
वहीं, कोरोना पर काबू पाने के लिए विभाग ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य केंद्रों में लोगों का उपचार करने के अलावा एक घंटे के लिए नजदीकी स्कूल में भी जाने को कहा है। यह कार्यकर्ता अध्यापकों और विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की जांच करेंगे। जरूरत पड़ने पर अध्यापकों, गैर शिक्षकों और विद्यार्थियों के कोरोना के सैंपल भी लेंगे। यह व्यवस्था आगामी एक सप्ताह तक रहेगी। स्कूल खुलने के साथ ही कोरोना के मामलों में इजाफा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि प्रदेश मेें नगर निकाय और पंचायत के चुनाव में भीड़भाड़ होने से मामले बढ़े है। कोरोना कितना बढ़ा है। आगामी 15 दिन में इसका पता चल पाएगा।