हिमाचल में 15 फरवरी से छठी और सातवीं की कक्षाए भी शुरू, नहीं मिलेगा मिड डे मिल

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शिमला। सूबे में करीब एक साल के बाद 15 फरवरी से स्कूलों में छठी और सातवीं की भी नियमित कक्षाएं लगेंगी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। जिला मंडी के सरकाघाट उपमंडल में कई शिक्षकों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद विद्यार्थियों के लिए बंद किए गए स्कूलों को आठ फरवरी से खोल दिया जाएगा। पहली से चौथी कक्षा के बच्चों के लिए फिलहाल स्कूल नहीं खोलने का फैसला लिया गया है। इन कक्षाओं के विद्यार्थियों की पहले की तरह ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। अन्य कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए भी हाजिरी की अनिवार्यता नहीं रहेगी। इनकी ऑनलाइन पढ़ाई भी जारी रहेगी। प्रदेश में ग्रीष्मकालीन छुट्टियों वाले स्कूलों में एक फरवरी से पांचवीं सहित आठवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थी बुलाए गए हैं। शीतकालीन स्कूलों में इन कक्षाओं को 15 फरवरी से खोला जाना है।

अब सरकार ने छठी और सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों को भी पूरे प्रदेश के स्कूलों में 15 फरवरी से बुलाने का फैसला ले लिया है। इन कक्षाओं के विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षाएं भी अब स्कूलों में ही होंगी। पहली से चौथी कक्षा के विद्यार्थियों को अभी स्कूल नहीं बुलाया गया है। इनकी पढ़ाई ऑनलाइन ही जारी रहेगी।इनकी वार्षिक परीक्षाएं घर से ऑनलाइन माध्यम से ली जाएंगी। इसके अलावा सरकार ने सरकाघाट उपमंडल के सभी सरकारी स्कूल आठ फरवरी से खोलने का फैसला लिया है। शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले सरकारी स्कूलों के साथ निजी स्कूलों पर ही जारी रहेंगे। निजी स्कूल प्रबंधन अपनी तैयारियों के साथ इन फैसलों को लागू कर सकेंगे। हालांकि उन पर अनिवार्यता नहीं रहेगी।
31 मार्च तक सरकारी स्कूलों में नहीं पकेगा मिड-डे मील
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 31 मार्च तक मिड-डे मील नहीं पकेगा। हमीरपुर के एक स्कूल में मिड-डे मील वर्कर के कोरोना पॉजिटिव होने पर मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया है। अब पहले की तरह पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को राशन ही दिया जाएगा। भोजन बनाने पर आने वाले खर्च का पैसा अभिभावकों के बैंक खाते में डाला जाएगा।

प्रदेश के ग्रीष्मकालीन स्कूल एक फरवरी से खुलने के साथ पांचवीं और आठवीं कक्षा के बच्चों को मध्याह्न भोजन देने का फैसला लिया गया था। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इसके लिए एसओपी भी जारी किया था। इसके बाद जिला हमीरपुर के डिडवीं स्कूल में एक मिड-डे मील वर्कर की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

इस वर्कर ने भोजन पकाकर कई विद्यार्थियों को परोसा था। मामला सामने आने के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया था। इसे देखते हुए प्रदेश मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को 31 मार्च तक सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील नहीं बनाने का फैसला लिया है।

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