शिमला। जिला मंडी के तहत करसोग विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने दीपराज को शिमला नगर निगम चुनाव के लिए वार्ड नंबर 29 विकासनगर का प्रभारी लगाया गया है। जो विकासनगर वार्ड में रहने वाली करसोग की जनता को भाजपा के पक्ष में वोट करने के लिए प्रचार करेंगे। भाजपा ने नगर निगम के सभी 34 वार्डों में विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के रहने वाले वोटरों को साधने के लिए रणनीति के तहत विधायकों और पूर्व विधायकों को जिम्मेवारी सौंपी है। विकासनगर वार्ड में करसोग क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग रहते हैं। ऐसे में नगर निगम चुनाव में जनता का समर्थन हासिल करने किए भाजपा ने युवा नेता दीपराज पर कार्ड खेलते हुए विकासनगर वार्ड का प्रभारी नियुक्त किया है। बता दें कि शिमला नगर निगम के लिए 2 मई हो मतदान होना है।
युवाओं के बीच दीपराज की मजबूत पकड़:
करसोग से पहली बार जीतकर विधानसभा पहुंचे दीपराज की युवाओं के बीच मजबूत पकड़ है। विधायक होने के साथ दीपराज समाज सेवा के क्षेत्र से भी जुड़े हैं। राजनीति में आने से पहले दीपराज समाज सेवा के माध्यम से लोगों के बीच में अच्छी पकड़ बना चुके थे। इसी कारण करसोग की जनता के बीच में उनका अच्छा खासा प्रभाव है और करसोग विधानसभा क्षेत्र से 10,534 मतों के अंतर से चुनाव जीते थे। विधायक बनने के बाद भी दीपराज ने समाज सेवा के क्षेत्र को नहीं छोड़ा है। वे अपनी जेब से पैसा खर्च कर जरूरतमंद लोगों की सेवा कर रहे हैं।
पूर्व मंत्री मनसा राम और पूर्व विधायक मस्तराम भी रह चुके हैं प्रभारी:
वर्ष 2007 और 2012 को हुए नगर निगम चुनाव में करसोग से पूर्व मंत्री स्वर्गीय मनसाराम और पूर्व विधायक स्वर्गीय मस्तराम भी प्रभारी रह चुके हैं। उस समय विकासनगर क्षेत्र छोटा शिमला वार्ड का हिस्सा था। ऐसे में उस वक्त भी छोटा शिमला वार्ड में रहने वाली करसोग की जनता को साधने के लिए कांग्रेस ने वर्ष 2007 में हुए नगर निगम चुनाव में पूर्व विधायक मस्तराम को छोटा शिमला वार्ड का प्रभारी बनाया था। इसी तरह से वर्ष 2012 में हुए नगर निगम चुनाव में पूर्व मंत्री मनसाराम को छोटा शिमला वार्ड का प्रभारी लगाया गया था।
कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र चौहान जीते थे भारी मतों से:
वर्ष 2007 और 2012 में नगर निगम शिमला के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र चौहान भारी मतों के अंतर से चुनाव जीते थे। उस दौरान नगर निगम चुनाव पार्टी सिंबल पर हुए थे। इसके बाद वर्ष 2017 के नगर निगम चुनाव में छोटा शिमला से हटाकर विकासनगर को अलग वार्ड बनाया गया। उस दौरान नगर निगम चुनाव पार्टी सिंबल पर नहीं कराए गए थे। ऐसे में भाजपा ने भी इस बार लोगों को साधने के लिए करसोग कार्ड खेला है।