प्रधान मुख्य अरण्यपाल ने वन अग्नि रोकथाम के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की

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शिमला। प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन बल प्रमुख) डाॅ. सविता ने आज वन अग्नि रोकथाम की उचित  तैयारियों और उपायों को लेकर आज विभिन्न वन वृत्तों के मुख्य अरण्यपालों, अरण्यपालों और वन मण्डलाधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से समीक्षा बैठक की।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वन विभाग वन अग्नि रोकथाम के लिए पूरी तरह से तैयार है। त्वरित कार्रवाई के लिए वन मण्डल व वन रेंज स्तर तक रैपिड फाॅरेस्ट फायर फाइटिंग फोर्स का गठन किया गया है। वन अग्नि की रोकथाम के लिए वर्तमान अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के अतिरिक्त फायर वाचर्ज को तीन महीने के लिए लगभग 40 हजार कार्य दिवस के लिए रखा गया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय समुदाय द्वारा वन अग्नि से सम्बन्धित मामलों की जानकारी देने के लिए आपदा नियंत्रण कक्ष कार्यशील किए गए है। राज्य स्तर पर इसका टोल फ्री नम्बर 1077 और जिला स्तर पर 1070 है।
आपदा प्रबन्धन कक्ष मंे वन विभाग के विभिन्न स्तर के अधिकारियों के मोबाइल नम्बर सांझा किये गये है ताकि वन विभाग को समय रहते वन अग्नि की घटना की जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि वन विभाग ने लगभग 50000 रेपिड फोरेस्ट फायर फाइटिंग फोर्स के स्वंयसेवी सदस्य बनाए हैं और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। इन सदस्यों को वन अग्नि चेतावनी संदेश अपने मोबाइल नम्बर पर प्राप्त हो रहे हंै और वे वन अग्नि शमन में वन विभाग की सहायता कर रहे हैं।
    वन विभाग ने प्रदेश के वन अग्नि संवेदनशील क्षेत्रों में 10 मार्च  से 17 मार्च 2021 तक वन अग्नि रोकथाम जागरूकता अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान इन क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर नुक्कड नाटक, प्रदर्शनियों व प्रचार सामग्री के वितरण के साथ-साथ ध्वनि प्रसार संयंत्र द्वारा लोगों को वन अग्नि रोकथाम के प्रति जागरूक किया गया।
    डाॅ. सविता ने कहा कि वन अग्नि रोकथाम के लिए वन विभाग ने वन अग्नि नियन्त्रण रेखाओं का निर्माण तथा वन अग्नि शमन के लिए वनों में पानी एकत्रित करने के लिए उचित प्रबन्ध किए हैं। उन्होने यह भी बताया कि वन अग्नि का मुख्य कारण लोगों द्वारा जानबूझकर या अज्ञानतावश आग का लगाया जाना होता है इसलिए वन अधिकरियों द्वारा विभिन्न स्तरों पर स्थानीय समुदायों के साथ बैठकों का आयोजन भी किया जा रहा है। विभाग ने वन अग्नि से निपटने के लिए हैलिकाॅप्टर की सेवाएं लेने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को सरकार को अनुमोदन के लिए भेजा है।
    उन्हांेने बताया कि वन विभाग के अधिकारियो व कर्मचारियों के लिए वन अग्नि रोकथाम और नियन्त्रण मेनुअल और नीति दिशा-निर्देश पत्रिका भी है। उन्होंने कर्मचारियों को ग्रीष्म ऋतु के दौरान वन अग्नि रोकथाम के लिए दृढ़ प्रयास करने के लिए प्रेरित किया।

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