शिमला। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव ओर हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रान्त संगठन मंत्री पवन मिश्रा, प्रान्त उपाध्यक्ष डॉ मामराज पुंडीर, प्रान्त अध्यक्ष पवन कुमार, प्रान्त महामंत्री विनोद सूद, मीडिया प्रभारी दर्शन लाल, प्रान्त उपाध्यक्ष ललिता वर्मा सभी जिलों के प्रधान, महामंत्री, संगठन मंत्री सहित प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यों ने प्रदेश के कर्मचारिओं व पेंशनरों को कोविड जैसी महामारी से प्रदेश की आर्थिक स्थिति को ध्वस्त होने के बावजूद 7500 करोड़ रुपये के वित्तिय लाभ देकर प्रदेश की सरकार ने इतिहास रच दिया। डॉ मामराज पुंडीर ने कहा कि आज हमे भी सरकारी सेवा में 25 वर्ष के आस पास सेवा हो गई है। आज तक कभी इतने उदार दिल से कर्मचारियों के लिए दरवाजे नही खोले।
प्रदेश के कर्मचारिओं व पेंशनरों को इस सौगात के लिए प्रदेश कार्यकारिणी सहित सभी जिलों के पदाधिकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री का आभार प्रकट करता है।
डॉ मामराज पुंडीर ने आज कार्यकारणी ने संयुक्त ब्यान में कहा है कि 1जनवरी 2016 से पंजाब सरकार द्वारा दये छटे वेतन आयोग को प्रदेश में 1जनवरी 2022 से लागू करना, अनुबंध कार्यकाल 3 वर्ष से घटा कर 2 वर्ष करने, केंद्र की 2009 की न्यू पेंशन योजना के अंतर्गत अपंगता व पारिवारिक पेंशन को लागू करना, दैनिक वेतनभोगीयो का एक वर्ष का कार्यकाल कम करना, चिकित्सा बिलों के भुगतान के लिए 10 करोड़ की राशि जारी एनपीएस कर्मचारी की पेंशन निधि चुनने की स्वतंत्रता
ओर भी कई लाभ इस प्रदेश के कर्मचारियों को देने की प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने घोषणाएं की है।हालांकि बहुत सी मांगो पर कमेटी गठन की घोषणा की गई है कुछ अन्य मांगो पर विभागीय स्तर पर कार्य जारी है जिसका निपटारा शीघ्र किया जायेगा।राजधानी भत्ता, सीए, एचआरए पर नए बेतनमान लागू होने पर निर्णय लिया जायेगा इसके लिए अभी इंतजार करना होगा। गोपाल झीलटl और विनोद शर्मा ने कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कर्मचारी हितैषी है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बैठक में कोविड काल मे फ्रंटलाइन वर्कर व कोविड में जुटे कर्मचारिओं व जेसीसी बैठक अपरिहार्य कारणों से विलम्भ से होने पर कर्मचारिओं ने धैर्य रखा व सहयोग के लिए प्रदेश के कर्मचारिओं का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा है कि सत्ता परिवर्तन पर कर्मचारिओं को स्थान्तरण कर प्रताड़ित किया जाता रहा है किंतु वर्तमान सरकार ने किसी भी कर्मचारी नेता को प्रताड़ित नही किया
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांत उपाध्यक्ष डॉ मामराज पुंडीर ने कहा कि पिछली सरकार के गुण गान करने वाले कुछ साम्यवादी संगठन आज प्रदेश के कर्मचारियों को दिए फायदा को पचा नही पा रहे। पिछली सरकार में न कोई कोरोना था ,फिर पांच वर्ष में एक जेसीसी ओर उसमे भी मुख्यमंत्री द्वारा छोड़ कर चले जाना, फिर एक 2 प्रतिशत डीए की घोषणा दे कर अपना पला झाड़ कर कर्मचारी हितेषी बनने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले 15 वर्षों से विद्यालयों में काम करने वाले पीटीए, पैरा, पेट अध्यापको को क्यो नियमित नही किया गया था। क्या जयराम सरकार को पानी पीकर कोसने वाले साम्यवादी लोग जबाब देंगे। दर दर की ठोकरें खाने वाले अध्यापक साथियों को मुख्य धारा में लाने का काम जय राम सरकार ने किया। 15 वर्षो तक अपने घरों से बाहर नोकरी करने के लिए मजबूर मेरे सी एंड वी ओर जेबीटी अध्यापको का 13 वर्ष का बनवास खत्म करने का काम अगर किसी ने किया तो जय राम सरकार ने किया। शिक्षको का सपना सँजोये अध्यापक साथियो के लिए टेट की शर्त को आजीवन करने का फैसला किसने किया, जय राम सरकार ने ही किया। सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत विद्यालयों में नियुक्त NRST के 170 से ज्यादा अध्यापको को 18 साल के बाद नियमित कर मुख्य धारा में लाने का काम मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर जी ने किया।
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ प्रदेश के शिक्षकों की समस्याओं को हल करवाने के लिए वचनवद्ध है जिसमे एसएमसी अध्यापको को नियमित करवाना, टीजीटी को उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन लाना, सँस्कृत ओर भाषा अध्यापको को टीजीटी का दर्जा देना, 2016 के बाद नियुक्त प्रधानाचार्य ओर मुख्य अध्यापको को नियमित करना, कांटेक्ट पीरियड को खत्म करवाना, 2010 से पहले नियुक्त टीजीटी को ऑप्शन की शर्त को समाप्त करवाना, आदि विषयों को मनवाने के कार्य संगठन करने में सक्षम है।
प्रदेश में सरकार बनने के बाद 2 जनवरी 2018 को हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने तत्कालीन शिक्षामंत्री सुरेश भारद्वाज जी ओर विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर एक मजबूत पृष्ठभूमि बनाई थी। उसके बाद महासंघ ने जिला ऊना में एक प्रांतीय अधिवेशन 19 जनवरी 2019 को करवाया था जिसमे मुख्यमंत्री सहित हिमाचल सरकार के 7 मंत्री उपस्थित रहे। उसके बाद 13 जुलाई 2021 को शिक्षामंत्री गोविंद ठाकुर जी के साथ एक विभाग स्तर की बैठक शिक्षा निदेशालय में करवाई गई और संगठन का प्रान्त स्तरीय अधिवेशन मंडी जिला में करवाया गया, जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षक हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के सभी मांगो को मुख्यमंत्री घोषणा पत्र में डालने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ओर शिक्षामंत्री के साथ हुई बैठक में शिक्षकों की समस्याओं को हल करने का निर्णय उच्च स्तरीय बैठक में लिया जाएगा। जिसकी बैठक शिक्षामंत्री गोबिंद ठाकुर की अध्यक्षता में जिसमे मुख्य सचिव सहित शिक्षा सचिव, दोनो शिक्षा निदेशक उपस्थित रहेंगे, बैठक में हल करने पर फैसला लिया जाएगा।