करसोग। हिमाचल में जिला मंडी के तहत करसोग में जल शक्ति विभाग में मानदेय में कार्य कर रहे मल्टी पर्पज वर्कर की नजरें अब सुक्खू सरकार पर टिकी हैं। भाजपा की पूर्व जयराम सरकार के समय वर्ष 2020 और 21 में पैरा नीति के तहत 3900 के मानदेय पर रोजगार में लगे मल्टी पर्पज वर्कर ने अब नियमितीकरण के लिए आवाज बुलंद कर दी है। यहां सोमवार को मल्टी पर्पज वर्कर ने एसडीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें करीब दो वर्ष पहले जल शक्ति विभाग में नियुक्त हुए मल्टी पर्पज वर्कर ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार से नियमितीकरण की मांग को वर्ष 2023-24 के लिए पेश किए जाने वाले बजट सत्र में रखे जाने का आग्रह किए है।
मल्टी पर्पज वर्कर का तर्क 8 से 10 घंटे लिए जा रहा काम:
मल्टी पर्पज वर्कर का तर्क है कि नियुक्ति के समय उनकी 6 घंटे सेवाएं लेनी सुनिश्चित की गई थी, लेकिन अब उनके 8 से 10 घंटे काम लिया जा रहा है। यही नहीं उन्हे सप्ताह में अवकाश भी नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में विभाग में उनका शोषण हो रहा है। इसको देखते हुए मल्टी पर्पज वर्कर ने सरकार से नियमितीकरण करने की मांग की है। ताकि
मल्टी पर्पज वर्कर से हो रहे शोषण को रोका जा सके।
डिपो से राशन भी नहीं आता है 3900 में:
मल्टी पर्पज वर्कर का तर्क है कि महंगाई के इस कठिन दौर में उन्हें केवल 3900 रुपए मासिक मानदेय दिया जा रहा है। इससे बड़े परिवार का डिपो से मुश्किल से एक महीने का ही राशन आता हैं इसके अतिरिक्त परिवार के अन्य खर्च के लिए पैसा नहीं बच रहा हैं। जिस कारण मल्टी पर्पज वर्कर मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में मल्टी पर्पज वर्कर ने तुरंत प्रभाव से मानदेय बढ़ाए जाने की भी मांग की है। ताकि वे परिवार का गुजारा चला सकें।
मेहर सिंह का कहना है कि जल शक्ति विभाग में कार्य कर रहे मल्टी पर्पज वर्कर ने एसडीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें सरकार से मल्टी पर्पज वर्कर की नियमितीकरण की मांग को वर्ष 2023-24 लिए पेश किए जा रहे बजट सत्र में रखे जाने का निवेदन किया गया है।