तीन कृषि क़ानूनों को निरस्त करने व बिजली संशोधन विधयेक,2020 को वापिस लेने की मांग

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शिमला। किसान संघर्ष समिति ने निर्णय लिया है कि तीन कृषि क़ानूनों को निरस्त करने व बिजली संशोधन विधयेक,2020 को वापिस लेने की मांग को लेकर जो किसान आंदोलन दिल्ली में चलाया जा रहा है उनकी इन जायज़ माँगो का समर्थन करते हुए 23 दिसम्बर,2020 को ब्लॉक व उपमंडल स्तर पर किसान संघर्ष समिति से जुड़े संगठन प्रदर्शन करेंगे तथा मुख्यमंत्री को ज्ञापन देंगे। किसान संघर्ष समिति प्रदेश के अन्य किसान संगठनों से भी अपील करती है कि वह भी किसान हित में इस प्रदर्शन में भाग ले। इस ज्ञापन के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के साथ ही प्रदेश के किसानों व बागवानों की समस्याओं के समाधान के लिए भी प्रदेश सरकार से मांगे की गई है जोकि इस प्रकार है। 1. तीन कृषि क़ानूनों को केंद्र सरकार निरस्त करे व विद्युत संशोधन अधिनियम, 2020 को तुरंत वापिस ले।2.राज्य सरकार 2014 के आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हिमाचल की जनता को किये गए वायदों के अनुसार प्रदेश के उत्पादों सब्ज़ियों, फूल, मसलों, ऊन, दूध, शहद आदि पर डॉ. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक समर्थन मूल्य की घोषणा करे।3. किसानों व बागवानों के खरीदारों व आढ़तियों के पास फंसे पैसों का भुगतान तुरंत करवाया जाए व दोषी खरीददारों व आढ़तियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाए।4. किसानों व बागवानों को सरकार द्वारा कृषि व बागवानी विभाग से जो सब्सिडी प्रदान की जाती थी उसको जारी रखे व इसको समाप्त करने के निर्णय को तुरन्त वापिस ले। किसानों व बागवानों की पिछले लंबे समय से लंबित सब्सिडी उनको तुरंत दी जाए।5. एच.पी.एम.सी व हिमफेड द्वारा बागवानों से खरीदे सेब का बकाया भुगतान तुरंत नकद में किया जाए।6.प्रदेश सरकार मक्की सहित फलों और सब्जियों के लिए सरकारी क्षेत्र में भंडारण केन्द्र, शीत भंडारण केंद्र व प्रसंस्करण इकाइयों का निर्माण करे।
राष्ट्रीय किसान दिवस के मौके पर किसान संघर्ष समिति उम्मीद करती है कि केंद्र सरकार देश के किसानों की मांगों पर केवल विचार न करे बल्कि उन्हें माने। वहीं राज्य सरकार प्रदेश के किसानों तथा फल-सब्ज़ी उत्पादकों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त मांगों पर उचित फैसला ले।राष्ट्रीय किसान दिवस पर पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह जी के प्रति यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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