शिमला। बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने एचपीएमसी निदेशक मण्डल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आर्थिक सहयोग से जिला किन्नौर को सेब विकास के लिए क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाएगा। इस कार्य पर 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और एचपीएमसी को क्लस्टर विकास एंजेसी का कार्य सौंपा गया है।
बागवानी मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के अंर्तगत पूर्व फसल उत्पादन कार्यकलापों पर बल दिया जाएगा, जिसके अंर्तगत मृदा परीक्षण, पत्ता विश्लेषण, प्लांट हेल्थ क्लीनिक सुविधाएं स्थापित की जाएगी। उत्पादन के तौर-तरीके जैसे उच्च घनत्व पौध रोपण, एकीकृत रोग कीट प्रबंधन कार्य किए जांएगे और फसल उत्पादन, पैकिंग हाऊस, प्रोसेसिंग इकाईयां स्थापित की जाएंगी। इसके अलावा विपणन के क्षेत्र में कार्य किए जाएंगे, जिनमें मार्केट यार्ड, अपग्रेडेशन, विपणन के नए चैनल स्थापित करना और किन्नौर की ब्रांडिग पर विपणन को बढ़ावा देना शामिल है। इन कार्यों के लिए कृषक उत्पादक समूह का गठन भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 600 करोड़ रुपये की सेब आर्थिकी वाले किन्नौर जिला में 10,400 हेक्टेयर भूमि पर सेब की बागवानी की जा रही है।
महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय उच्चमार्गों पर जिला मण्डी के जड़ोल व जिला सोलन के जाबली में एचपीएमसी के उत्पादों की बिक्री के लिए विक्रय केन्द्र निर्मित किए जा रहे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की कुंडली स्थित भूमि एवं कोलकाता में एचपीएमसी की भूमि पर पीपीपी मोड पर विकास कार्य आरम्भ किए जाएंगे। जड़ोल, टिक्कर जिला शिमला में एचपीएमसी द्वारा पेट्रोल पंप (किसान सेवा केंद्र) भी स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित बागवाानी परियोजना के अंर्तगत 266 करोड़ रुपये की लागत सेे 15 विकास कार्य किए जा रहे हैं। शिमला जिले के पराला में निर्माणाधीन फल विधायन संयंत्र में मिनरल वाटर की बाॅटलिंग के अतिरिक्त कागज़, चिप्स, पशुचारा आदि तैयार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा जड़ोल (सुन्दरनगर) स्थित फल विधायन संयंत्र में आम, नीम्बू, टमाटर पर आधारित फल विधायन की गतिविधियों में वृद्वि करने का भी निर्णय लिया गया है।
महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि एचपीएमसी द्वारा मण्डी मध्यस्थता योजना को और अधिक प्रभावी एवं पारदर्शी बनाने के लिए एंड्रायड बेस्ड मोबाइल एप्लीकेशन लांच किया गया है। इसके फलस्वरूप सूचना एकत्रीकरण एवं इस योजना के क्रियान्वयन में और अधिक पारदर्शिता आएगी। उन्होंने कहा कि अब एचपीएमसी के उत्पाद बिक्री के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य एवं खाद्य आपूर्ति निगम की उचित मूल्यों की दुकानों पर भी उपलब्ध होंगे, जिसके लिए सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सेब के लिए वर्ष 2021 में मण्डी मध्यस्थता योजना के अंर्तगत निगम द्वारा 169 में से 160 क्रय केन्द्र शुरू कर दिए गए हैं, जिनके माध्यम से अब तक 7787 मी.टन सेब की खरीद की गई है।
बागवानी मंत्री ने कहा कि स्विटज़रलैंड की जीवौदान इंडिया प्रा. लिमिटेड के साथ 112.320 मी.टन एप्पल जूस बिक्री के लिए अनुबंध किया गया है जिसके तहत अभी तक कंपनी को 44.280 मी.टन जूस भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि एचपीएमसी ने अपने उत्पादों की बिक्री के लिए हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज़ काॅरपोरेशन एवं वीटा के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके अन्तर्गत हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज़ काॅरपोरेशन एक वर्ष के भीतर हरियाणा राज्य में दो हजार हर हित खुदरा स्टोर खोलगा, जिससे एचपीएमसी के उत्पादों की बिक्री में वृद्वि होगी। उन्होंने कहा कि एचपीएमसी ने 100 प्रतिशत प्राकृतिकएप्पल जूस का एक लीटर टैट्रापैक बाज़ार में उतारा है।
बैठक में निगम के उपाध्यक्ष राम सिंह, सचिव बागवानी अमिताभ अवस्थी, विशेष सचिव (वित्त) राकेश कवंर, प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल सहित अन्य सरकारी एवं गैर सरकारी सदस्य उपस्थित थे।