बागवानों पर पड़ी डीजल की मार, महंगा हुआ मंडियों में सेब भेजना

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शिमला। देश में डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ौतरी की मार बागवानों पर पड़ी है। पिछली साल की तुलना में कई गुना महंगे हुए डीजल का खामियाजा बागवानों को भुगतना पड़ेगा। करसोग में सेब का सीजन शुरू होने के साथ बाहरी मंडियों में सेब भेजना भी महंगा हो गया है। इस बार बागवानों को शिमला सहित अन्य राज्य की मंडियों में सेब भेजने के लिए अपनी जेब और अधिक ढ़ीली करनी होगी। डीजल में लगी महंगाई की आग को देखते हुए प्रशासन ने सेब ढुलाई का भाड़ा तय कर दिया है। इसको लेकर एसडीएम करसोग ने एप्पल ग्रोवर ऐसोसिएशन और दो ट्रक यूनियन के साथ बैठक कर इस सीजन के लिए सेब ढुलाई का भाड़ा तय कर दिया है। प्रशासन की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक अब बखरौट से शिमला सब्जी मंडी के लिए प्रति पेटी 33 रुपए भाड़ा तय किया गया है, जबकि पहले यही किराया 30 रुपए प्रति पेटी था। इसी तरह से देश की सबसे बड़ी दिल्ली स्थित आजादपुर सब्जी मंडी के लिए भी सेब ढुलाई में प्रति पेटी 11 रुपए की बढ़ौतरी की गई है। अब बागवानों की आजादपुर सब्जी मंडी के लिए प्रति पेटी 97 रुपए चुकाने होंगे, जबकि पहले यही किराया 86 रुपए प्रति पेटी था। इसी तरह से देश की अन्य मंडियों के लिए भेजे जाने वाले सेब भाड़े में भी वृद्धि की गई है। ये रेट बागवानों और ट्रक यूनियन की आपसी सहमति के बाद तय किए गए हैं। हालांकि डीजल के रेट को देखते हुए ट्रक यूनियन ने प्रशासन के सामने सेब ढुलाई में 30 फीसदी वृद्धि किए जाने की मांग रखी थी। बता दें कि डीजल के लगातार बढ़ रहे रेट से किसानों और बागवानों को मंडियों तक अपने उत्पाद पहुंचाने में अच्छी खासी जेब ढीली करनी पड़ रही है।

एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि एप्पल ग्रोवर एसोसिएशन और ट्रक यूनियन की आपसी सहमति से सेब ढुलाई का भाड़ा तय किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में डीजल के रेट काफी बढे हैं, ऐसे में ट्रक यूनियन की मांग 30 फ़ीसदी हाइक की थी, लेकिन दोनों पार्टियों की बीच मध्यस्थता से सेब की ढुलाई का भाड़ा तय किया गया है।

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