शिमला। बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले में पीडि़त परिवार ने एक बार फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। गुड़िया की मां की ओर से दायर याचिका में उच्च न्यायालय के वर्तमान जज की निगरानी में मामले कि दोबारा जांच कराने की मांग की है। एडवोकेट और लीगल एडवाइजर देवेन भट्ट ने बताया कि वीरवार को उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर फिर से जांच कराने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी और सर्वोच्च न्यायालय ने मामले का निपटारा करते हुए कहा था कि प्रार्थी को संबंधित हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर करनी चाहिए। गुड़िया के पिता ने अनौपचारिक बातचीत में सीबीआई जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि चार साल होने जा रहे हैं, लेकिन उनकी बेटी को अभी तक न्याय नहीं मिला। उन्होंने फिर दोहराया कि एक चिरानी पूरी वारदात को अंजाम नहीं दे सकता है। सच्चाई की लड़ाई लड़ी जा रही है। पीड़ित पिता ने कहा कि गांधीनगर स्थित फोरेंसिक लैब और नार्को टेस्ट की रिपोर्ट को भी दरकिनार किया गया। उन्होंने कहा कि गुड़िया के मोजे और क्लिप अभी तक नहीं मिली है। ऐसे में कोर्ट अपनी निगरानी में मामले की जांच कराए। उधर, पीड़िता की मां ने हाईकोर्ट पर भरोसा जताते हुए न्याय की मांग की।
कहा कि तीन सालों की जांच के बाद भी न्याय नहीं मिला है। इसलिए आज न्याय की गुहार लगाने हाईकोर्ट पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी बेटी को न्याय नहीं मिलता, तब तक चुप नहीं बैठेंगे। वहीं, गुड़िया के परिजनों ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर, माकपा विधायक राकेश सिंघा और भाजपा के जिलाध्यक्ष रवि मेहता से मुलाकात कर सहयोग की गुहार लगाई।